बैंक के नाम से आते हैं फर्जी कॉल, उठाया तो खाता हो जाएगा खाली, ऐसे करें बचाव

 हाल के समय में मोबाइल नंबरों का उपयोग धोखाधड़ी के लिए की जा रही है। बैंकों या वित्तीय संस्थानों के टोल फ्री नंबरों के समान मोबाइल नंबरों से धोखाधड़ी की जा रही है। दरअसल, फ्रॉड करने वाले वित्तीय संस्थानों के टोल फ्री नंबरों की तरह मोबाइल नंबर रखते हैं और संस्था के नाम के साथ ट्रूकॉलर जैसे ऐप पर नंबर सेव करते हैं। इसको ऐसे समझिये, मान लीजिये बैंक से आने वाले फोन कॉल की संख्या 1600-123-1234 है। तो जालसाज़ 600-123-1234 नंबर की तरह ही इसके लिए एक नंबर लेते हैं और इसे ट्रूकॉलर या अन्य सेवा देने वाले एप पर बैंक के टोल फ्री नंबर के रूप में रजिस्टर्ड करते हैं। इससे लोगों के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि क्या यह कॉल बैंक/वित्तीय संस्थान की ओर से है या कोई फ्रॉड करने वाला फोन कर करा है।

कैसे करें बचाव

कोई भी वित्तीय संस्थान या उनके प्रतिनिधि SMS, ईमेल या व्हाट्सएप संदेश नहीं भेजते हैं या व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड या ओटीपी पूछने के लिए फोन नहीं करते हैं। यह इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ग्राहकों के बैंक खाते से धोखाधड़ी करके पैसे निकालने की कोशिश है। ऐसे ईमेल, SMS, व्हाट्सएप संदेश या फोन कॉल का कभी जवाब न दें।

ऐसे ग्राहक जिन्होंने अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड खो दिया है वे भी सावधान रहें। बैंक कार्ड से जुड़े खाता संख्या के आधार को पहचानने और ब्लॉक करने में सक्षम है। यह जानकारी बैंक की पासबुक/चेक बुक या क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट पर उपलब्ध है। सत्यापित करने के लिए बैंक की ओर से केवल खाता संख्या और नाम की जानकारी रहती है, कोई भी बैंक कभी भी कार्ड पर लिखे एटीएम पिन या सीवीवी नंबर नहीं मांगते।

किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें

कभी भी कार्ड के ‘सत्यापन’ के लिए SMS के माध्यम से प्राप्त लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। कार्ड पहले से ही बैंक द्वारा सत्यापित है और इस तरह के संदेशों के जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है।

बैंक की वेबसाइट का उपयोग करें

ग्राहकों को हमेशा अपनी आधिकारिक वेबसाइट से बैंक के संपर्क डिटेल तक पहुंचना चाहिए और समस्याओं के मामले में उनसे संपर्क करने के लिए सुरक्षित साधनों का उपयोग करना चाहिए।

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