महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने 3 महीने में वर्करों की समस्याएं हल करने का दिया निर्देश
मुंबई : महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग (एमएसएचआरसी) ने फिल्म, टेलीविजन और थियेटर जगत में कार्यरत लाखों मजदूरों और टेक्नीशियनों के हालात पर संज्ञान लेते हुए अपने हाल ही के आदेश में राज्य श्रम विभाग को फिल्म, टीवी उद्योग और थियेटर से जुड़े श्रमिकों की मांगों पर गौर करने का निर्देश दिया है. साथ ही सुनिश्चित करने को भी कहा है कि पूर्व गठित समिति द्वारा उस पर चर्चा की जाए और तीन महीने के अंदर इसका हल निकाला जाए.
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज (एफडब्लूआइसीई) के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी और समाजसेवक डॉ योगेश दुबे ने महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग (एमएचआरसी) से टीवी, थियेटर और फिल्म उद्योग में कार्यरत वर्करों तथा टेक्नीशियनों के काम करने के घंटों, कम वेतन और खराब सुविधाओं के बारे में शिकायत किया था, जिसके बाद आयोग ने राज्य श्रम आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह अपने स्तर से सभी मुद्दों को तीन महीने के भीतर हल करे और एक अनुपालन रिपोर्ट सबमिट करे.
पिछले साल मार्च माह में राज्य ने सरकारी अधिकारियों और फिल्म और टीवी जगत के प्रतिनिधियों की 29 सदस्यीय समिति का गठन किया था और कहा था कि फिल्म जगत के मजदूरों और टेक्नीशियनों द्वारा सामना किए जा रहे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गौर करे और उन्हें हल करे. इस समिति ने पिछले 17 महीनों में केवल एक बार बैठक की है. इस पर संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने अपने आदेश में राज्य श्रम विभाग को फिल्म और टीवी उद्योग श्रमिकों की मांगों के चार्टर पर गौर करने और उन्हें हल करने का निर्देश दिया.