आज़ाद मैदान में मछुआरों का आंदोलन
मुंबई के मूल निवासी कोली बंधु अपनी रोजी-रोटी बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में, मुंबई में तटीय मार्ग (Coastal road) मछली पकड़ने को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, कुछ दिन पहले दादर मछली बाजार पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। मछली बाजार पर गाज गिरने से कई मछुआरे आक्रोशित हो गए। साथ ही बुधवार 25 आगस्त को ये मछुआरे आजाद मैदान में धरना प्रदर्शन करेंगे।
लॉकडाउन के दौरान दादर के मीनाताई ठाकरे मछली बाजार में मछुआरों के बैठने पर रोक लगा दी गई थी। लॉकडाउन में ढील के बाद भी यहां मछुआरों के बैठने पर पाबंदी लगाई जा रही है। लगभग 500 से 600 लोग जैसे सतानी (महिला विक्रेता), हेलकारी (मछली ट्रांसपोर्टर), व्यापारी आदि इस मछली बाजार पर निर्भर हैं।
यहां का अधिकांश व्यापार मीठे पानी की मछली है। लेकिन लाइसेंसी और कर योग्य मछुआरों की रोजी-रोटी पर हथौड़ा क्यों चलाया जा रहा है? यही सवाल मछुआरे पूछ रहे हैं।
मछली पकड़ने के स्थलों को नष्ट किया जा रहा है क्योंकि समुद्र तटीय मार्गों के लिए भरा जा रहा है। इस मार्ग के लिए बनाए जाने वाले खंभों के बीच की संकीर्ण खाई मछली पकड़ने वाली नौकाओं की आवाजाही में बाधा उत्पन्न करेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना पर काम शुरू करने से पहले मछुआरों से सलाह नहीं ली गई। इसलिए मछुआरा समुदाय ने तटीय सड़क परियोजना और दादर के मछली बाजार पर प्रतिबंध के खिलाफ रैली की है।