कोरोना संकट के दौरान 97 लोगों की स्‍पेशल श्रमिक ट्रेनों में हुईं मौत, पीयूष गोयल ने बताया क्या थी वजह

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन ) के दौरान प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए चलाई गई श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों में यात्रा के दौरान 97 लोगों की मौत हुई थी. तृणमूल कांग्रेस के डेरेके ओ’ब्रायन द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी.पीयूष गोयल ने बताया, ‘राज्य पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर वर्तमान कोविड-19 संकट के दौरान श्रमिक स्पेशल गाड़ियों में यात्रा करते हुए नौ सितंबर तक 97 लोगों के मरने की सूचना मिली.’ उन्होंने कहा कि मृत्यु के इन 97 मामलों में से 87 मामलों में राज्य पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और अब तक संबंधित राज्य पुलिस से 51 पोस्टमार्टम रिपोर्टें प्राप्त हुईं हैं. उन्होंने कहा, ‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु के कारण हृदय गति रुकना, हृदय रोग, ब्रेन हैमरेज, पुरानी गंभीर बीमारी, फेफड़ों की गंभीर बीमारी, जिगर की गंभीर बीमारी आदि दर्शाए गए हैं. गोयल ने बताया कि श्रमिक विशेष गाड़ियों में कुल 63.19 लाख, फंसे हुए श्रमिकों ने यात्रा कीरेल यात्रा के दौरान कोविड-19 संक्रमण के किसी मामले की जानकारी नहीं दी गयी: गोयल
सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान ट्रेन यात्राओं में कोरोना वायरस संक्रमण के किसी मामले की जानकारी नहीं दी गयी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में हिबी ईडन के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि ट्रेन यात्रा के दौरान कोविड-19 संक्रमण का कोई मामला रिपोर्ट नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि रेलवे मांग के अनुसार और कोविड-19 के अपेक्षित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यात्री रेल गाड़ियों को चला रहा है. इसमें राज्य सरकारों की चिंताओं को भी ध्यान में रखा जा रहा है.गोयल ने बताया कि एक मई को श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों तथा एक जून से 200 विशेष रेलगाड़ियों के परिचालन की शुरुआत के साथ ही राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और गणेश चतुर्थी त्योहार जैसी विशेष आवश्यकता वाली स्थितियों के लिए विशेष गाड़ियां चलाई गयी हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में 12 सितंबर से अन्य 86 विशेष यात्री गाड़ियां भी चलाई गयी हैं.

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