विनेश फोगाट के निलंबन पर हरियाणा में हलचल, ससुर बोले- घर व ग्राउंड में अनुशासित है मेरी बहू, नहीं कर सकती अनुशासनहीनता

 विनेश अनुशासित है। वह घर में भी और ग्राउंड में भी अनुशासन के साथ रहती है। पहले इस तरह अनुशासनहीनता की बात सामने नहीं आई है। टोक्यो ओलिंपिक में अनुशासहीनता समझ से परे है। हालांकि अभी तक इस मामले में विनेश से बात नहीं हुई है। यह कहना है ससुर राजपाल राठी का।

राजपाल राठी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि मंगलवार को विनेश टोक्यो से दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची और रात को अपने ससुराल खरखौदा पहुंची। ससुराल और मायके दोनों ही परिवारों ने विनेश का स्वागत किया। रात को घर पहुंची। ज्यादा बात नहीं हुई क्योंकि उसकी कोहनी में दर्द था।

टोक्यो कुश्ती के मुकाबले में ही कोहनी में चोट लग गई थी। बताया जा रहा है कि फ्रेक्चर है, जिसके इलाज के लिए सुबह ही दिल्ली के लिए निकल गई। चिकित्सकों से कोहनी की जांच करवाने के बाद ही पता लगेगा कि फ्रेक्चर कम है या ज्यादा। ओलिंपिक में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने का विनेश का मलाल है, वह देश की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकी। रियो ओलिंपिक में भी घुटने  में चोट की वजह से मुकाबले से हट गई थी। इस बार भी कोहनी में चोट लग गई। लेकिन ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना ही बड़ी उपलब्धि है। लगातार दो ओलिंपिक में विनेश ने देश का प्रतिनिधित्व किया है।

निलंबन मामले में भी डब्ल्‍यूएफआइ से करेंगे बात

विनेश के ससुर राजपाल राठी ने बताया कि भारतीय कुश्ती संघ ने विनेश को अस्‍थाई तौर पर निलंबित किया है, इसको लेकर विनेश खुद भी हैरान है। परिवार को भी अखबारों में खबर पढ़कर अचरज हुआ। क्योंकि विनेश एसोसिएशन के नियमों को पूरी तरह से पालन करती हैं। अनुशासनहीनता से तो दूर-दूर तक लेना देना नहीं हो सकता। इस संदर्भ में भारतीय कुश्ती संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा जाएगा। एसाेसिएशन ने 16 अगस्त तक नोटिस का जवाब मांगा है, इसका जवाब भी देंगे।

विनेश पर ये हैं आरोप

1. विनेश ने साथी पहलवान सीमा बिसला, सोनम मलिक और अंशु मलिक के साथ प्रैक्टिस करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि भारत से सीधे टोक्यो पहुंचे हैं, इसलिए कोरोना संक्रमित हो सकती है।

2. आधिकारिक प्रायोजक शिव नरेश की जर्सी पहनने की बजाय अन्य ब्रांड की जर्सी टोक्यो ओलिंपिक में पहनी। मुकाबले में भी अन्य ब्रांच की जर्सी पहनकर मैट पर उतरी थीं।

3.टोक्यो पहुंचने के बाद भी हंगरी के कोच से ही ट्रेनिंग ली। भारतीय प्रशिक्षक के साथ ट्रेनिंग नहीं की। भारतीय पहलवानों के साथ वाले कमरे में भी रुकने पर एतराज किया। अभ्यास भी हंगरी के कोच के साथ किया।

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