जुहू के समुद्री किनारों पर जेली फिश का आतंक, बरतें यह सावधानी
पिछले दो-तीन दिनों से जुहू (juhu) के तटों पर नीली बॉटल जेलीफिश (jellyfish) देखी जा रही है। पिछले दो-तीन दिनों में इनकी संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसलिए मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले नागरिकों से सावधान रहने की अपील की जा रही है।
कोरोना (covid19) प्रतिबंध के कारण अभी भी सुबह को छोड़कर किनारे पर सैर की अनुमति नहीं दी गई है। बावजूद इसके लोग किनारे पर घूमने के लिए आ रहे हैं। इसलिए रविवार शाम तक जुहू और वर्सोवा (versova) के तटों पर होर्डिंग लगा कर लोगों से जेलीफिश से सावधान रहने की अपील की गई।
पिछले चार दिनों में तट पर अधिक हवा चल रही थी। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि जेली फिश की संख्या बढ़ सकती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि समुद्र का स्तर बढ़ने के कारण वे तट पर आ रहे हैं।
रविवार सुबह जेलिफ़िश के काटने से दो नागरिकों के घायल होने की भी सूचना है। जिसके बाद से नगर निगम व पुलिस लगातार लोगों से किनारों पर न घूमने की अपील कर रही है।
क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
1) समुद्र तट पर लगे नोटिस बोर्ड को नज़रअंदाज़ न करें।
2) अगर समुद्र तट पर या पानी में जाना मना है तो उन नियमों का पालन करना चाहिए।
3) समुद्र तट पर जाने से बचना सबसे अच्छा विकल्प है।
4) अगर आप समुद्र तट पर जाते हैं, तो आपको सैंडल या जूते पहनना चाहिए।
5) कई विशेषज्ञ फोटो लेने के लिए जेलीफ़िश को अपने हाथों में लेते हैं। ऐसा करना ज्यादा खतरनाक है।
६) काटने की स्थिति में आप घबराए नहीं और बताए गए निम्न उपाय कर सकते हैं।
काटने पर क्या करें?
समुद्री जीवविज्ञानी और जाने-माने फोटोग्राफर प्रदीप पाताडे ने बताया कि जुहू के तटों पर पिछले दो-तीन दिनों से नीली जेली फिश देखी जा रही है। ये जलीय जंतु गहरे समुद्र में पाए जातेे हैं।लेकिन भारी बारिश और हवाओं के कारण ये जलीय जंतु किनारे आ जाते हैं। येे मृत दिखने पर भी काट सकते हैं।
जेलीफ़िश में एक पारदर्शी गुब्बारे जैसा हिस्सा होता है। इसके नीचे नीले धागे जैसी सूंड लटकी होती है। जिसेे छूने पर ये काट लेते हैं। इसके काटने से बहुत दर्द होता है।
साल 2018 में भी मुंबई के तट पर बड़ी संख्या में जेलीफ़िश पाई गईं थी। गिरगांव चौपाटी, जुहू और अक्सा बीच जैसे लोकप्रिय समुद्र तटों पर जेलीफ़िश ने बच्चों सहित 150 से अधिक लोगों को काट लिया था।