केरल में अप्रैल में ही मरीजों में दिखाई देने लगे थे जीका वायरस के लक्षण, लेकिन नहीं हो सका था टेस्‍ट

केरल में जीका वायरस के मामले इस वर्ष अप्रैल में ही आ गए थे। लेकिन उस वक्‍त लगे लॉकडाउन की वजह से इन लोगों का टेस्‍ट नहीं हो सका था। उस वक्‍त माइल्‍ड केस काफी संख्‍या में सामने आए थे। कई लोग अस्‍पताल में आए जिनको शरीर पर रेशेज, आंख का लाल होना और बुखार आदि की समस्‍या थी। लॉकडाउन के चलते जो प्रतिबंध लगे थे उनकी वजह से इनका सही से पता नहीं चल सका था।

किम्‍सहेल्‍थ अस्‍पताल की वरिष्‍ठ कंसल्‍टेंट डॉक्‍टर राजलक्ष्‍मी ने बताया कि अप्रैल से ही उनके यहां पर इस तरह की समस्‍या को लेकर मरीज आ रहे थे। उनके मुताबिक इस तरह का सिलसिला मई में अपने चरम पर पहुंच चुका था। ये यहां पर मानसून आने के तुरंत बाद की बात है। उस वक्‍त राज्‍य में कोरोना के मामले भी काफी संख्‍या में सामने आ रहे थे। उस वक्‍त जो प्रतिबंध लगे थे उसकी वजह से मरीजों को टेलिकंसल्‍टेशन की सुविधा दी गई थी। इसके ही माध्‍यम से डॉक्‍टर उनको जानकारी दे या ले रहे थे। उस वक्‍त इस तरह के मरीज ओपीडी में नहीं आ रहे थे।

राजलक्ष्‍मी ने आगे कहा कि हमनें डेंगू और चिकनगुनिया समेत खसरे की जांच के लिए कुछ सैंपल भी भेजे थे लेकिन ये सभी नेगेटिव आए थे। उन्‍होंने खुद ने कई माइल्‍ड केस देखे थे लेकिन वो उस वक्‍त अस्‍पताल नहीं आ सकते थे। उनके मुताबक दो दिन पहले ही सरकार की तरफ से इसकी टेस्‍ट की सुविधा उपलब्‍ध करवाई गइ्र है। वहां पर इसके सैंपल भेजे गए हैं। इससे हमें केवल इस बात का पता चल सकेगा कि कौन सी जगह पर जीका वायरस अधिक तेजी से फैल रहा है। उसके हिसाब से हम तैयारी कर सेंगे। आपको बता दें कि केरल में जीका वायरस का पहला मामला इस वर्ष 8 जुलाई को सामने आया था। इससे एक गर्भवती महिला पीडि़त थी। इस महिला का इलाज करने वाले डॉक्‍टर न्‍यास ने बताया कि जीका वायरस का मैनेजमेंट और इसका इलाज करना काफी आसान है। हालांकि गर्भवती महिला यदि इससे पीडि़त होती है तो उसके गर्भ में पल रहे शिशु पर इसका असर होने के चांस रहते हैं। जीका वायरस के लक्षम जिस किसी में दिखाई देते हैं उनका सैंपल टेस्टिंग के लिए भेज दिया जाता है।

गौरतलब है कि राज्‍य में अब तक जीका वायरस के करीब 28 मामले सामने आ चुके हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री वीणा जॉर्ज के मुताबिक इसमें पांच नए मामले भी शामिल हैं। जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल के कई जिलों में इसकी रोकथाम की शुरूआत हो चुकी हे। अगले सात दिनों में इसके लिए कंट्रोल रूम भी बना दिया जाएगा।

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