घर-घर जाकर होगा टीकाकरण, पुणे से होगी शुरुआत
राज्य में बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण (Corona vaccination) के लिए घरों से निकल रहे हैं।इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने अब घर-घर जाकर टीकाकरण कराने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत पुणे से की जा रही है। यह जानकारी राज्य सरकार ने मुंबई हाई कोर्ट को दी है। इस परियोजना के लिए टीके केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे।
धृति कपाड़िया और कुणाल तिवारी की ओर से दायर याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है। याचिका में 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, विकलांगों, व्हीलचेयर पर बैठे लोगों और बिस्तर पर बैठे लोगों के घर-घर टीकाकरण का आह्वान किया गया था। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने मामले की सुनवाई की।
इससे पहले 12 मई को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने घर में टीकाकरण न होने पर नाराजगी जताई थी। इसके अलावा कुछ प्रश्न भी प्रस्तुत किए गए। अपने जवाब में, राज्य सरकार ने कहा कि वह अब केंद्र की मंजूरी का इंतजार नहीं करेगी और जल्द ही घर-घर टीकाकरण शुरू करेगी। विदेश जाने वाले छात्रों के लिए तत्काल टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। इसका फायदा उठाकर नया अभियान शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार ने यह भी कहा कि टीकाकरण में पुणे के छात्रों के अनुभव और पुणे जिले के आकार को देखते हुए निर्णय लिया गया है। पुणे जिला न तो बहुत बड़ा है और न ही बहुत छोटा है, इसलिए यह प्रायोगिक टीकाकरण के लिए उपयुक्त जिला है।
इस बीच, अदालत ने राज्य सरकार को डॉक्टरों द्वारा निर्धारित शर्तों को लागू नहीं करने की सलाह दी। इसके लिए कोई तैयार नहीं होगा। इससे पहले जब घर में टीकाकरण की बात चल रही थी तब स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि वैक्सीन उन्हीं लोगों को दी जाएगी जिन्हें डॉक्टर यह कहते हुए सर्टिफिकेट देगा कि संबंधित व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल पा रहा है।
वैक्सीन चाहने वालों के परिवारों को ई-मेल से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। राज्य सरकार जल्द ही यह ई-मेल आईडी जारी करेगी। घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान कैसे चलाया जाएगा? इस अभियान में क्या कठिनाइयाँ हो सकती हैं? इन सभी मामलों पर सरकार जल्द ही हाईकोर्ट में विस्तृत जवाब दाखिल करेगी।
मामले की अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. संजय ओक और याचिकाकर्ता को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है।