Black Sea में ब्रिटेन-रूस के बीच रार: दोनों देशों के बीच चरम पर पहुंचा तनाव, युद्ध जैसे हालात, जानें क्या है मामला
ब्रिटेन के विध्वंसक युद्धपोत के कालासागर में दाखिल होने के बाद रूस ने सख्त रुख अपनाया है। रूस ने कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ब्रिटिश नौसेना ने आगे कोई उकसावे वाली कार्रवाई की तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। रूस ने कहा कि वह युद्धपोत पर सीधे बम बरसाएगा। कालासागर में यह विवाद ऐसे समय हुआ है, जब जिनेवा वार्ता के बाद भी अमेरिका और रूस के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हो सके हैं। अमेरिका और रूस के साथ विवाद के बीच अब मास्को का ब्रिटेन से टकराव बढ़ गया है। कालासागर में युद्ध जैसे हालात हैं। आखिर इस विवाद की असली वजह क्या है। रूस के दावे में कितना दम है। कालासागर के इस क्षेत्र में पश्चिमी देशों का क्या रुख है।
रूस की विध्वंसक जहाजों ने ब्रिटिश जहाज के रास्ते में फायरिंग की
बता दें कि ब्रिटिश जहाज उड़ाने की धमकी रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस अंतरराष्ट्रीय जल संधियों का सम्मान करता है। रूस और समुद्री कानूनों को पूरी तरह से मानता है और अगर ब्रिटिश जहाज अब ब्लैक सागर में घुसने की गुस्ताखी करता है तो रूस उसे उड़ा देगा। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि ब्लैक सागर में ब्रिटिश जहाज ने घुसने की हिम्मत की थी, लेकिन रूस की विध्वंसक जहाजों ने ब्रिटिश जहाज के रास्ते में फायरिंग की है और बम फोड़े हैं। ये एक चेतावनी है और अब अगर ऐसा होता है कि रूसी विध्वंसक अपने टार्गेट को निशाने पर लेगा।
ब्रिटेन ने कहा – अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन हुआ
रूस के उप विदेश मंत्री सर्जेई रिबकोव ने कहा ब्रिटेन को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो हम सीधे बमबारी भी कर सकते हैं। रूस ने ब्रिटेन पर जानबूझकर उकसावे वाली कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। रूस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ब्रिटेन के युद्धपोत ने उसके जलक्षेत्र में घुसने की हिमाकत की है। हालांकि, ब्रिटेन ने रूस के आरोपों को खंडन किया है। ब्रिटेन ने कहा है कि उसका युद्धपोत अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़ रहा है। ब्रिटेन का दावा है कि उसका पोत यूक्रेन के जल क्षेत्र में चल रहा है।
जानें क्या है असल विवाद
दरअसल, रूस ने 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया पेनिसुला प्रायद्वीप को जब्त कर लिया है और उसकी सीमा में पड़ने वाले समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा करता है। हालांकि, पश्चिमी देश रूस के इस दावे को अवैध करार देते हैं। पश्चिमी देश क्रीमिया पेनिसुला को यूक्रेन का हिस्सा मानते हुए समुद्री इलाके पर रूस के दावे को खारिज करते हैं। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटिश युद्धपोत जो ओडेसा के यूक्रेनी बंदरगाह से जॉर्जियाई बंदरगाह बटुमी की यात्रा कर रहा था, वह कानून के अनुसार काम कर रहा था और अंतरराष्ट्रीय जल में था। ब्रिटेन ने अपने बयान में कहा है कि यह यूक्रेन के जलीय क्षेत्र है। ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने रूसी पायलटों पर युद्धपोत से 500 फीट (152 मीटर) ऊपर असुरक्षित विमान युद्धाभ्यास करने का आरोप लगाया है।