पौधारोपण की शर्त पर ही मिलेगा नल कनेक्शन, अंडर वाटर रिचार्ज के लिए भी बनाना होगा सोख्ता गढ्डा

 केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के साथ राज्य सरकार ने पर्यावरण व जल संरक्षण को भी जोड़ दिया है। योजना के तहत नल कनेक्शन लेने वाले ग्रामीणों को सबसे पहले नल के आसपास पौधारोपण करना होगा। इससे मच्छर व गंदगी जैसी शिकायतों के बजाय हरियाली रहेगी। साथ ही सोख्ता गढ्डा बनाना होगा ताकि अतिरिक्त पानी सीधे जमीन के अंदर जाए और भूजल स्तर ठीक रहे।

प्रथम चरण में जिले के पांच लाख घरों में कनेक्शन लगेंगे। जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत जिले के चिह्नांकित ग्रामों में ट्यूबवेल खनन किया जाएगा। साथ ही घरों में नल कनेक्शन के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इसके बाद पानी टंकी के जरिए लोगों के घरों में सुबह और शाम पानी की आपूर्ति होगी। दोनों वक्त एक-एक घंटे तक पानी दिया जाएगा।

आमतौर पर यह शिकायत मिलती है कि ग्रामीण इलाकों में नलों के जरिये पानी व्यर्थ गलियों में बहता रहता है। इससे मच्छर भी पनपते हैं। लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा भूजल स्तर की चिंता भी है। इसे देखते हुए राज्य शासन ने योजना के साथ नई शर्त जोड़ दी है। इसका पालन हो रहा है या नहीं, इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी।

बिलासपुर के कलेक्टर डा. सारांश मित्तल ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। पौधारोपण करने की शर्त पर ही ग्रामीणों को कनेक्शन दिया जाएगा। पानी व्यर्थ ना बहे इसके लिए सोख्ता गढ्डा भी बनाना होगा। इससे पानी सीधे गढ्डे के जरिए भूजल में समाहित हो जाए। इससे भूजल स्तर में गिरावट नहीं आएगी। 

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