पेट में पलने वाले वायरसों को भोजन खिलाकर किया जा सकता है कोविड़-19 का मुकाबला
एक खास रिसर्च से पता चला है कि आप अपने पेट को स्वस्थ रखकर कोविड-19 के खिलाफ मजबूत रोग प्रतिरोधी शक्ति तैयार कर सकते हैं। जब हम भोजन करते हैं तो अपने शरीर में रहने वाले माइक्रोबायोम यानी जीवाणुओं और फंगस, परजीवियों, और वायरसों जैसे सूक्ष्मजीवियों को भी खाना खिला रहे होते हैं। इनमें से सबसे अधिक संख्या में सूक्ष्मजीवी हमारे पेट में रहते हैं। ये सूक्ष्मजीवी कई काम करते हैं। खाना पचाने में मदद करते हैं, बहुत काम के विटामिन तैयार करते हैं, इन्फेक्शन से बचाते हैं और हमारी प्रतिरोध प्रणाली को शिक्षित करते हैं। आलू और चावल, बीन्स, दालें- अच्छे बैक्टीरिया का भोजन जुटाने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक फूड में जीवित लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं। खमीरयुक्त भोजन में केफिर, दही, किमची, मीजो, बंदगोभी का अचार, अन्य सब्जियों का अचार, टेम्पेह और कम्बूचा टी जैसी चीजें शामिल हैं।
शाकाहारियों में औसत से गंभीर कोविड संक्रमण 73 प्रतिशत कम
ये रिसर्च इसलिए किया गया क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण से भयभीत लोग जानना चाहते हैं कि वो उससे बचाव के लिए घर में रहते हुए क्या कर सकते हैं। जवाब है प्रतिरोध प्रणाली को मजबूत बनाने वाले पोषण युक्त आहार से अच्छी शुरुआत की जा सकती है। सेहतमंद शरीर और प्रतिरोध प्रणाली के लिए विभिन्न किस्म के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका में 2,884 स्वास्थ्यकर्मियों पर एक अध्ययन में पाया गया कि शाकाहारी लोगों में और सागपात, फल-सब्जी के साथ-साथ सीफूड लेने वाले लोगों में औसत से गंभीर कोविड संक्रमण होने का खतरा उन लोगों की अपेक्षा कम था जिन्होंने उक्त आहार नहीं लिया था। शाकाहारियों में औसत से गंभीर कोविड संक्रमण 73 प्रतिशत कम थे। शाकाहार और सीफूड खाने वालों में 59 प्रतिशत कम था। निम्न कार्बोहाइड्रेट, अधिक प्रोटीन वाली डाइट में औसत से गंभीर संक्रमण का खतरा शाकाहारियों की तुलना में तीन गुना ज्यादा था।
रोजाना चार सौ ग्राम फल और सब्जी जरूरी
अध्ययन में शामिल 568 कोविड मामलों में सिर्फ 298 का पीसीआर या एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आया था। बाकी मामलों में कोविड के सामान्य लक्षण पाए गए थे। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की स्क्रीनिंग के जरिए ये सुनिश्चित किया था कि वे कोविड-19 से अच्छे-खासे प्रभावित रोगी हों। असल में इंसानों को माइक्रो न्यूट्रीएन्ट और मैक्रोन्यूट्रीएन्ट की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व हमें शाकाहारी खाने में मिल जाते हैं।माइक्रोन्यूट्रीएन्ट में शामिल विटामिन और मिनरल यानी खनिज हैं। ये चीजें हमारे शरीर के सहज संचालन और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने में काम आती हैं। मैक्रोन्यूट्रीएन्ट हमें ऊर्जा देते हैं जिससे हम अपनी शारीरिक गतिविधियां चला सकें। उन्हें मोटे तौर पर तीन समूहों में बांटा जा सकता है जिनमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट यानी वसा है। लोगों को हर रोज कम से कम चार सौ ग्राम फल और सब्जी खानी चाहिए। आलू, चुकंदर और कसावा जैसी जड़ वाली स्टार्चयुक्त सब्जियां स्वास्थ्यप्रद होती हैं।
सिर्फ छह चम्मच चीनी से चलाएं काम
इसके अलावा दिन में सिर्फ छह चम्मच चीनी काफी हैं। इसमे वो तमाम शुगर शामिल है जो आप खाने या पेय पदार्थों के जरिए लेते हैं या जो शहद, जूस या सिरप में मिलती है। फलों और सब्जियों में मिलने वाली शुगर इसमे शामिल नहीं हैं। नमक का सेवन दिन में सिर्फ एक चम्मच जितना होना चाहिए। कोविड-19 संक्रमण के खतरे को कम करने में एक और पोषक तत्व का योगदान है और वो है ओमेगा-3 फैटी एसिड। इंसानों को एएलए, डीएचए और ईपीए ओमेगा की आवश्यकता होती है। एएलए मुख्य रूप से पौधों के तेल और बीजों में पाया जाता है।डीएचए और ईपीए सिर्फ मछलियों और कुछ किस्म के एल्जी यानी शैवालों में मिलते हैं। मछलियां शैवाल को खाती हैं और इसीलिए उनमें ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में होता है। ओमेगा-3 कोविड-19 के खिलाफ अहम रोल अदा करते हैं। गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद दो सप्ताह तक 400 मिलीग्राम ईपीए और 200 मिलीग्राम डीएचए वाली 1000 मिलीग्राम ओमेगा-3 सप्लीमेंट की खुराक दी गयी, उनमें एक महीने बाद 21 प्रतिशत का सरवाइवल रेट पाया गया।