बर्थ एनिवर्सरी:टॉम ऑल्टर ने 300 से ज्यादा फिल्मों में किया काम, सचिन तेंदुलकर का पहला इंटरव्यू लेने के लिए चर्चा में रहे
रंगमंच, टेलीविजन और फिल्म जगत के मशहूर कलाकार टॉम ऑल्टर की आज 71वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 22 जून, 1950 को मसूरी में हुआ था। करीब 300 फिल्मों में अभिनय करने वाले ऑल्टर ने अपने विदेशी नैन-नक्श के दम पर अनूठी पहचान कायम की। आजादी से पहले उनके दादा-दादी अमेरिका से भारत आ गए थे। उसके बाद परिवार भारत में ही रहा। ऑल्टर ऐतिहासिक किरदारों को रंगमंच पर सहजता से निभाने के लिए भी जाने जाते रहे। उन्हें 2008 में पद्मश्री सम्मान भी मिला था। टॉम ऑल्टर का 67 साल की उम्र में 29 सितंबर, 2017 को निधन हो गया था। वह लंबे समय से स्किन कैंसर से पीड़ित थे।
गालिब और जिन्ना में बसने वाले ऑल्टर
ऑल्टर कहते थे, ‘इतिहास मुझे सम्मोहित करता है। मुझे कहानियां कहना पसंद है। किरदार निभाना पसंद है। ये बात हैरत में डालती है कि किस तरह इतिहास आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित करता है। इतिहास सिर्फ शासनकाल और तारीखों तक सीमित नहीं है। मैं दुनिया के इतिहास को थियेटर के जरिए अभिव्यक्त करना चाहता हूं।’ टॉम ने थियेटर में मौलाना अबुल कलाम आजाद, मिर्जा गालिब, बहादुर शाह जफर, मोहम्मद अली जिन्ना और महात्मा गांधी के किरदार यादगार अंदाज में निभाए।
हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, तीनों भाषाओं में सहज ऑल्टर
ऑल्टर के अभिनय की सहजता उनकी जुबान में भी थी। वो हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू, तीनों भाषाओं पर बराबर पकड़ रखते थे। ऑल्टर ने खुद इसका राज बताया था- ‘मेरे वालिद पादरी थे। लेकिन वो हमें बाइबिल की बातें उर्दू में भी सुनाते थे।’
पहचान के सवाल का सामना करते ऑल्टर
टॉम ऑल्टर के लुक की वजह से उनसे हमेशा ये सवाल हुआ कि वो भारतीय हैं या विदेशी? इस पर उन्होंने कहा था कि मुझे दुख है कि भारतीय कला के क्षेत्र में काम करने के बाद भी बार-बार अपने भारतीय होने की पहचान साबित करनी पड़ती है।
टॉम ऑल्टर ने 1980-90 के दशक में खेल पत्रकारिता भी की थी।
युवा सचिन को परखने वाले ऑल्टर
टॉम ऑल्टर ने सचिन तेंदुलकर का पहला वीडियो इंटरव्यू किया था। सचिन ने उस वक्त भारतीय टीम के लिए डेब्यू भी नहीं किया था। इस इंटरव्यू को याद करते हुए ऑल्टर ने कहा था, ‘मुझे पता चला था कि मुंबई में दिलीप वेंगसरकर के बाद कोई सबसे अच्छा बल्लेबाज है, तो वो 15 साल का लड़का सचिन तेंदुलकर है। मैंने फौरन सचिन से मुलाकात तय की।’ टॉम ऑल्टर ने 1980-90 के दशक में खेल पत्रकारिता भी की थी। वो खुद भी क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी थे।