LAC पर तनाव के बीच राजनाथ सिंह की अगुआई में बड़ी बैठक, विदेश मंत्री भी होंगे शामिल

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव के बीत आज दोपहर तीन बजे एक अहम बैठक हो रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में हो रही इस बड़ी बैठक में भारत-चीन तनाव के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है. बैठक में कई बड़े अधिकारी शामिल हो रहे हैं. राजनाथ सिंह के अलावा इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस बिपिन रावत समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हो रहे हैं. बैठक में चीन के साथ मौजूदा तनाव और आगे की तैयारियों पर चर्चा संभव है.राजनाथ सिंह की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जबकि एक दिन पहले ही ब्रिक्स सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की चीनी समकक्ष के साथ बातचीत हुई है. इसके अलावा गुरुवार को ही राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में एलएसी की स्थिति को लेकर बयान दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारतीय सैनिकों को लद्दाख क्षेत्र में हमारी सीमा पर गश्त लगाने से नहीं रोक सकती है.सिंह ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर राज्यसभा में दिये अपने बयान में कहा “चीन की गतिविधियों से पूरी तरह से स्पष्ट है कि उसकी ‘कथनी और करनी’ में अंतर है. क्योंकि जब बातचीत चल रही थी तब उसने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया जिसे हमारे सैन्य बलों ने विफल कर दिया.”

राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कही थी ये बात
राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर राज्यसभा में दिये अपने बयान में कहा, ‘‘चीन की गतिविधियों से पूरी तरह से स्पष्ट है कि उसकी ‘कथनी और करनी’ में अंतर है. क्योंकि जब बातचीत चल रही थी तब उसने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया जिसे हमारे सैन्य बलों ने विफल कर दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे वीर जवान इस चुनौती पर खरे उतरेंगे. हम मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हम देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.’’रक्षा मंत्री इस मुद्दे पर पूर्व रक्षा मंत्री एंटनी द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण पर जवाब दे रहे थे जिसमें एंटनी ने कहा था कि गलवान घाटी में भी हमारे सैनिकों को अब उस बिंदु तक गश्त करने की अनुमति नहीं है, जहां वे पहले गश्त करते थे. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि संघर्ष और आमना सामना इसी के कारण (गश्ती के मुद्दे) है.’’ उन्होंने कहा कि गश्ती का पैटर्न पारंपरिक और अच्छी तरह से परिभाषित है. रक्षा मंत्री के बयान के बाद सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के मुद्दे पर हम सब एक हैं.

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