2018 में हुई मौत, अब ढाई साल बाद हुआ अंतिम संस्कार
मुंबई : धारावी नाम की बस्ती में 17 साल के लड़के की संदिग्ध परिस्थितियों में 2018 में मौत हो गई थी। तीन साल पहले हुई मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार अब जाकर हुआ। दरअसल जुलाई 2018 में धारावी में एक 17 साल के लड़के की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मरने वाले लड़के के परिवार को विश्वास ही नहीं हुआ कि उनका लड़का चलती-फिरती हालत में यूं अचानक मौत की नींद कैसे सो सकता है? परिवार वालों का आरोप था कि उनके बेटे की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। इस वजह से परिवार वाले दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग पर अड़े थे। तब से उसकी डेड बॉडी मॉर्चरी में रखी हुई थी। ढाई साल से वो लड़का मौत के बाद भी अपने अंतिम संस्कार के लिए इंतजार कर रहा था। उसका यह इंतजार अब खत्म हुआ। मौत के ढाई साल बाद तक मॉर्चरी में वो कफन ओढ़े लेटा था, पर दहन नसीब नहीं हो रहा था। अब कोर्ट के फैसले के बाद उसका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। जिसके बाद उसके परिवार वालों का कहना है कि फिर कभी किसी को मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए इतना लंबा इंतजार ना करना पड़े। दरअसल जुलाई 2018 में एक मोबाइल चोरी के मामले में पुलिस वालों ने मृतक लड़के को हिरासत में लिया था। लड़के का नाम सचिन जैसवार था और उसकी उम्र उस दौरान 17 साल थी। परिवार वालों का आरोप है कि बिना किसी एफआईआर के पुलिस वाले उनके बेटे को उठा कर ले गए और कस्टडी में रख कर खूब टॉर्चर किया। इसके बाद परिवार वालों ने पुलिस वालों से रहम की भीख मांगी तो उनके लड़के को छोड़ा गया। जब उस लड़के को अस्पताल ले जाया गया तो वहां पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। सचिन के पिता पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने पर अड़े थे। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सचिन की मौत का कारण निमोनिया को बताया गया है। परिवार वालों को उस पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर यकीन नहीं हुआ। जिसके बाद वो मामला कोर्ट में ले गए। अब अदालत के आदेश के बाद दोबारा पोस्टमार्टम हुआ। कोर्ट ने आदेश दिया कि जेजे हॉस्पिटल के डीन एक नई टीम बनाए और सचिन का दोबारा मास्टमार्टम कराए।