BJP आम सहमति का सम्मान करती है, राजनीतिक छुआछूत में विश्वास नहीं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा राजनीतिक छुआछूत में विश्वास नहीं करती है और देश के संचालन के लिए आम सहमति का सम्मान करती है। जनसंघ के संस्थापकों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 53वीं जयंती पर उन्होंने कहा कि भाजपा चुनावों में अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ती है लेकिन इसके मायने यह नहीं हैं कि वह अपने राजनीतिक विरोधियों का सम्मान नहीं करती है।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और पूर्व राज्यपाल एससी जमीर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी नेता हमारी पार्टी या फिर गठबंधन का हिस्सा कभी नहीं रहे लेकिन देश के प्रति उनके योगदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमारे राजनीतिक दल अलग अलग हो सकते हैं, विचार भिन्न हो सकते हैं, हम चुनावों में पूरी ताकत से एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने राजनीतिक विरोधी का सम्मान न करें। राजनीतिक अस्पृश्यता का विचार भाजपा का संस्कार नहीं है और आज देश भी इसे अस्वीकार कर चुका है।
उन्होंने सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और सरकार पटेल जैसी विभूतियों को सरकार द्वारा दिए गए सम्मान का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरी सरकारें ऐसा नहीं करतीं लेकिन हमने देशहित और योग्यता को महत्व दिया। उन्होंने संसद में दिए उस बयान का भी उल्लेख किया कि सरकारें बहुमत से चलती हैं लेकिन देश आम सहमति से चलता है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल की अपील की। उन्होंने कहा कि देश को उन उत्पादों से मुक्त होने की जरूरत है जिसमें देश की मिट्टी की सुगंध न हो।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कोई सरकार दबाव मुक्त विदेशी नीति के साथ राष्ट्र प्रथम की भावना से आगे बढ़ रहा है। दीनदयाल स्वदेशी से प्यार करते थे। वह इसलिए कि इसे अपनाए बिना देश आत्मनिर्भर नहीं हो सकता। आजादी के 75 साल पूरा होने के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ता 75 काम करें और उसका हिसाब रखें। आगे कहा कि परिवार के साथ मिलकर इस्तेमाल होने वाले उत्पादों की सूची बनाएं। पता करें कि इनमें से कौन स्वदेशी है और कौन विदेशी। इसके बाद जिस उत्पाद में देश की मिट्टी का सुगंध न हो, उनसे मुक्त होने का प्रण करें।
उन्होंने कहा कि भाजपा देश की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने में कामयाब हुई है। यह कामयाबी इसलिए मिली कि पार्टी में वंशवाद नहीं है। राष्ट्रभक्ति ही हमारी विचारधारा है। हमारी राजनीति में राष्ट्रनीति सर्वोपरि है। पूरा देश राष्ट्र प्रथम की भावना से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक सबल राष्ट्र ही दुनिया का भला कर सकता है। सबल राष्ट्र बनने की पहली शर्त आत्मनिर्भरता है। पीएम ने कहा कि कोरोना काल में अंत्योदय की भावना से काम किया। महामारी में दुनिया के कई देशों को वैक्सीन देकर सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया की अपनी संस्कृति का आगे बढ़ाया।