प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई की कंपनी विवा होल्डिंग की लगभग 35 करोड़ रुपये की संपत्ति की ज़ब्त
नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने बहुचर्चित वधावन बंधु घोटाले मामले में मुंबई की कंपनी विवा होल्डिंग लिमिटेड की लगभग 35 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को आरंभिक तौर पर जब्त किया है. आरोप है कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर यह संपत्तियां विवा होल्डिंग्स को दी गई थी और इनका नाता वधावन बंधुओं द्वारा किए गए हजारों करोड़ रुपये के घोटाले से है. ध्यान रहे कि यह कंपनी किसी समय में कुख्यात रह चुके भाई ठाकुर आदि के परिजनों की है. ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक यह दोनों अचल संपत्तियां मुंबई स्थित दो वाणिज्यिक संपत्तियों के तौर पर है, जिनमें से एक मशहूर कालीडोनिया इमारत में है, जबकि दूसरी संपत्ति मुंबई में अंधेरी पूर्व में है.
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि निदेशालय ने एचडीआईएल के प्रमोटर्स राकेश वधावन और सारंग वधावन समेत अनेक लोगों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमे के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी. जांच के दौरान ईडी ने पाया कि यस बैंक द्वारा मेक स्टार प्राइवेट लिमिटेड को 200 करोड़ रुपये का बैंक लोन दिया गया था. बाद में कतिपय कारणों के चलते ये बैंक लोन माफ करने का भी आरोप लगा. ईडी ने वधावन बंधुओं के खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गई पीएमसी बैंक घोटाले की एफआईआर के आधार पर भी अपनी जांच शुरू की थी. जांच के दौरान ईडी को पता चला कि वधावन बंधुओं ने कलडोनिया भवन और अंधेरी पूर्व मुंबई में मैक स्टार कंपनी की दो व्यवसायिक संपत्तियों को अवैध और गलत तरीकों से एक दूसरी कंपनी विवा होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड में ट्रांसफर किया. दिखाने के लिए इन संपत्तियों को लेने के लिए विवा होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने करोड़ों रुपये के चेक भी काटे थे, लेकिन जांच के दौरान पाया गया कि यह चेक कभी भी मेक स्टार कंपनी द्वारा भुनाए ही नहीं गए.
जांच के दौरान अभी पता चला कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर यह दोनों व्यवसायिक संपत्तियां विवा कंपनी को हस्तांतरित की गई थीं. ईडी को जांच के दौरान इस आशय के भी संकेत मिले कि हजारों करोड़ रुपये के बैंक घोटाले की रकम से इन संपत्तियों का वास्ता है. जांच के दौरान अभी पता चला कि विवा कंपनी द्वारा इस लेनदेन को अपने खातों में भी नहीं दिखाया गया था. ईडी का आरोप है कि इस पूरी जांच के दौरान यह स्पष्ट तौर पर पाया गया कि जो संपत्तियां विवा कंपनी को दी गईं उसके लिए कोई लेन-देन हुआ ही नहीं था.
ईडी ने इस मामले में विवा कंपनी समेत अनेक ठिकानों पर छापेमारी की ओर विवा कंपनी के निदेशक मेहुल ठाकुर और मदन चतुर्वेदी नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. ध्यान रहे कि वधावन बंधुओं के मामले की जांच के दौरान ही मुंबई के एक बड़े राजनेता की पत्नी का नाम भी सामने आया था, जिससे प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई स्थित कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की थी और वधावन बंधुओं के राजनीतिक संबंधों को लेकर भी महाराष्ट्र की राजनीति में खासा हंगामा मच चुका है. फिलहाल ईडी ने इन दोनों व्यवसायिक प्रॉपर्टियों को आरंभिक तौर पर जब्त कर लिया है और मामले की जांच जारी है.