मुंबई : महाराष्ट्र सरकार कुछ भी चर्चा करने के लिए तैयार नहीं -देवेंद्र फड़णवीस
मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने वीरवार को कहा कि राज्य सरकार ने 14-15 दिसंबर को केवल दो दिवसीय विधानसभा सत्र बुलाया है। हमने मांग की थी कि इसे दो सप्ताह के लिए चला जाना चाहिए। महाराष्ट्र में किसानों के लिए समस्या है और उनकी मदद नहीं की जा रही है, महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इस मौके पर देवेंद्र फड़णवीस के मुताबिक, हम मांग करते हैं कि इस तरह के मुद्दों को चर्चा के लिए उठाया जाए और समाधान की मांग की जाए, लेकिन राज्य सरकार कुछ भी चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है। एक तरह से राज्य सरकार विधानसभा सत्र का सामना नहीं करना चाहती है।
इससे पहले महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि सरकार के एक वर्ष पूरे होने के पहले आए सुप्रीम कोर्ट एवं बांबे हाई कोर्ट के फैसलों से यह सिद्ध हो गया है कि राज्य में संविधान ध्वस्त होने जैसी स्थिति पैदा गई है। सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। इस स्थिति में हम राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष की भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उद्धव सरकार किसानों के हितों की उपेक्षा कर रही है और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पूरी तरह विफल है। फड़णवीस ने कोर्ट के जिन दो फैसलों का जिक्र किया, उनमें से एक अभिनेत्री कंगना रनोट का बंगला तोड़े जाने पर हाई कोर्ट का निर्णय और दूसरा, पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर शीर्ष कोर्ट का फैसला है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दो प्रकरणों से ही राज्य में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का पता चलता है। सरकार के विरुद्ध बोलने वालों को जेल में डालने का रवैया अपनाया जा रहा है।फड़नवीस ने यह सवाल भी उठाया कि कोर्ट द्वारा की गई इन टिप्पणियों के लिए किसको जिम्मेदार ठहराया जाएगा? गृह मंत्री, मुख्यमंत्री या फिर उनके आदेशों का पालन करने वाले अधिकारियों को? पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का एक वर्ष पूरा हुआ, लेकिन उपलब्धि कुछ भी नहीं है।