सात महीनों के बाद मुंबई में मेट्रो शुरू…ये हैं नियम और शर्तें
मुंबई, करीब सात महीनों से बंद मोनो रेल और मेट्रो शुरू होने की खबर मुंबईकरों के लिए राहत लेकर आई है। रविवार को जहां मोनो रेल सेवा बहाल हुई वहीं सोमवार सुबह से मेट्रो ट्रेनों के फेरे भी शुरू हो गए हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। इनमें सबसे अहम है कि फिलहाल मेट्रो परिचालन सुबह 8.30 से रात 8.30 तक किया जाएगा। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही और नियमों के बारे में:
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बिना मास्क के मेट्रो में जाने की अनुमति नहीं होगी। मेट्रो स्टेशन के गेट पर ही यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके अलावा मेट्रो के लिए टोकन की जगह ‘यूज ऐंड थ्रो’ पेपर टिकट दिए जाएंगे, जिस पर बने क्यूआर कोड की मदद से लोग गेट से एग्जिट कर सकेंगे।
साढ़े छह से आठ मिनट की फ्रीक्वेंसी रहेगी
अब नई व्यवस्था के हिसाब से सुबह 8.30 से रात 8.30 बजे तक मेट्रो सेवा यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी। यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए हर साढ़े छह मिनट में घाटकोपर से वर्सोवा के बीच ट्रेन चलेगी। नॉन पीकऑवर में करीब आठ मिनट के अंतर में मेट्रो चलेगी। पहले के मुकाबले मेट्रो ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी कम रहेगी।
पहले से कम यात्री होंगे एक ट्रेन में
कोरोना संकट के पहले पीकऑवर के दौरान एक ट्रेन में करीब 1500 लोग सफर करते थे। कोरोना के प्रसार को रोकने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए अब एक ट्रेन में केवल 300 यात्रियों को ही सफर की अनुमति होगी। इनमें 100 यात्री बैठकर और करीब 160 यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति होगी।
जांच के बाद ही मेट्रो में सफर होगा
बीमार यात्रियों को मेट्रो में सफर करने की अनुमति नहीं होगी। परिसर में प्रवेश से पहले सभी यात्रियों के शरीर के तापमान की जांच की जाएगी। सफर के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा। ट्रेन में एक सीट छोड़ कर लोगों की बैठने की व्यवस्था की गई है। स्टैंडिंग यात्रियों के लिए कोच के भीतर मार्किंग की गई है।
हर दो घंटे पर पूरी ट्रेन और स्टेशन होंगे सैनेटाइज
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मेट्रो 1 प्रशासन ने एक चक्कर के बाद पूरी ट्रेन और हर दो घंटे में स्टेशन परिसर को सैनेटाइज करने का निर्णय लिया है। क्यूआर कोड के माध्यम से यात्रियों को स्टेशन में प्रवेश मिलेगा।