महाराष्ट्र में बाढ़ ने मचाया तांडव, 27 लोगों की मौत, एक लापता

मुंबई, महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। इस बाढ़ की वजह से पश्चिम महाराष्ट्र के इलाके खास तौर पर पुणे,सातारा,सोलापुर, सांगली और कोल्हापुर में बड़े पैमाने पर बाढ़ की वजह से तबाही हुई है। बाढ़ की वजह से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है।

सबसे प्रभावित सोलापुर
महाराष्ट्र का सोलापुर जिला बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस जिले में 14 लोगों की मौत हुई है जबकि 1716 घर बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं। वहीं 34000 हेक्टेयर पर लगी हुई फसल खराब हो गई। सोयाबीन, गन्ना, कपास और सब्जियां बुरी तरह से प्रभावित हुई है। बाढ़ की वजह से तकरीबन 500 जानवरों की भी मौत हो गई है।

सांगली में नौ लोगों की मौत
बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र के दूसरे जिले भी काफी प्रभावित हुए हैं जिनमें दूसरा नंबर सांगली का आता है। जहां पर 9 लोगों की मौत हुई है। जबकि एक व्यक्ति की सतारा में मौत हुई है। वहीं पुणे शहर में 3 लोगों के मौत की खबर है एक व्यक्ति की तलाश अभी भी की जा रही है। जिसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है। लापता व्यक्ति अपने तीन दोस्तों के साथ नहर में बह गया था। जिसमें से 3 लोगों की लाश प्रशासन ने बरामद की थी। एक व्यक्ति की तलाश अभी भी जारी है।

21 हज़ार लोगों को शिफ्ट किया गया
पुणे के डिविजनल कमिश्नर ऑफिस द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार 21000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। जिसमें से अकेले सोलापुर से 17 हजार लोगों को स्थानांतरित किया गया है। बाढ़ की वजह से पुणे में तकरीबन 57 हज़ार हेक्टेयर भूमि की फसल बर्बाद हो गई है। जिसमे से 34 हज़ार हेक्टेयर जमीन सोलापुर जिले की है। 14 अक्टूबर को हुई 100 एमएम की बारिश से सोलापुर की मोहोल, करमाला, मलसिरस, माढा तहसीलें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।

सरकार से मुआवजे की मांग
बाढ़ की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है, लोगों की फसलें चौपट हो चुकी हैं। ऐसे में तमाम परेशान किसान और अन्य लोग महाराष्ट्र सरकार से जल्द से जल्द मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस की एमएलए प्रणीति शिंदे ने भी सरकार से जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की है। राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी बाढ़ की वजह से हुए नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने का निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिया हुआ है ताकि मुआवजे को पीड़ित लोगों को दिया जा सके।

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