एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से डीपफेक पोर्नोग्राफी वीडियो में ९४ फीसदी…

मुंबई : रश्मिका मंदाना के ‘डीपफेक’ फोटो से एक बार फिर बहस शुरू हो गई है कि यह तकनीक किस हद तक हस्तियों की जिंदगी में उथल-पुथल मचा रही है और इसे रोकने के उपायों को लेकर सरकार कितनी गंभीर है। दरअसल, हिंदुस्थान ही नहीं, सारी दुनिया डीपफेक एडल्ट कंटेंट से परेशान है।

एक रिपोर्ट कें अनुसार, ९४ फीसदी हस्तियां डीपफेक एडल्ट कंटेंट की जद में हैं। अमेरिका स्थित होम सिक्योरिटी हीरोज की २०२३ स्टेट ऑफ डीपफेक रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक हस्तियों, विशेष रूप से मनोरंजन उद्योग से जुड़े लोगों के लिए यह सबसे बड़ा रिस्क बन कर उभर रहा है।

डीपफेक तकनीक से चेहरों की अदला-बदली या आवाजें बदलकर फर्जी वीडियो बनाए जाते हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि डीपफेक पोर्नोग्राफी वीडियो में दिखाए गए ९४ फीसदी लोग एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े हैं, जिनमें गायक, अभिनेत्री, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर, मॉडल और एथलीट शामिल हैं।

सर्वे रिपोर्ट के अनुसार २०१९ की तुलना में इस साल ऑनलाइन डीपफेक वीडियो की संख्या में ५५० फीसदी का इजाफा हुआ है। सर्वे में कहा गया है कि ६० सेकंड का डीपफेक अश्लील वीडियो बनाना अब तेज और किफायती है। नवीनतम तकनीकियों के चलते इसे तैयार करने में २५ मिनट से भी कम का वक्त लगता है और खर्च लगभग शून्य होता है।

जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क (जीएएन) और यूजर प्रâेंडली सॉफ्टवेयर टूल्स की आसानी से उपलब्धता के चलते डीपफेक वीडियो और तस्वीरें बड़ी तेजी से बनाई जा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार हर तीसरा डीपफेक टूल्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद से एडल्ट कंटेंट तैयार करना आसान बना देता है।

इनमें से ९२.३ फीसदी प्लेटफॉर्म कुछ लिमिटेशन के साथ मुफ्त सुविधा दे रहे हैं। इस सर्वे में भाग लेने वाले २० फीसदी लोग डिफेक्ट पोर्नोग्राफी बनाना सीखना चाहते थे, जो बताता है कि इस तकनीक के प्रति लोगों में कितनी रुचि बढ़ रही है और १० में से एक ने स्वीकार किया है कि उन्होंने मशहूर हस्तियों की डीपफेक पोर्नोग्राफी बनाने की कोशिश की।

डीपफेक एडल्ट कंटेंट बनाने के मामले में दक्षिण कोरिया सबसे आगे है। वहां पर ५३ फीसद एडल्ट कंटेंट बनाए जाते हैं। अन्य देशों में अमेरिका में २० प्रतिशत, जापान में १० प्रतिशत, इंग्लैंड में ६ प्रतिशत और हिंदुस्थान में २ प्रतिशत डीपफेक एडल्ट कंटेंट बनाए जाते हैं जबकि चीन, ताइवान और इजराइल जैसे देशों में यह ३ से १ प्रतिशत है।

होम सिक्योरिटी हीरोज ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए ९५,८२० डीपफेक वीडियो, ८५ समर्पित ऑनलाइन चैनल और डीपफेक इकोसिस्टम से जुड़ी १०० से अधिक वेबसाइटों की स्टडी की है। डीपफेक फोटो को लेकर रश्मिका मंदाना ने कहा कि वह बुरी तरह से आहत हुई हैं, वहीं अमिताभ बच्चन ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

साइबर मामलों की जानकार एडवोकेट सुश्री रुचि बिष्ट के अनुसार फिलहाल हिंदुस्थान में डीपफेक कंटेंट के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। इस तरह के सारे मामलों की सुनवाई आईटी एक्ट के तहत ही होती है। ऐसे कंटेंट से जुड़े मामलों में दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट के तहत तीन से दस साल की सजा हो सकती है। डीपफेक पर अंकुश लगाने के लिए यूरोपीय यूनियन में ‘कोड ऑफ प्रैक्टिस ऑन डिसइन्फॉर्मेशन’ है तो अमेरिका में ‘डीपफेक टास्क फोर्स एक्ट’ है।

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