युनिट ३ ‘विरार ‘ ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया ठग… ९ नवंबर तक पुलिस हिरासत मे भेजा गया

वसई : विभिन्न गृह निर्माण कंपनियाँ स्थापित कर लगभग १५० निवेशकों से ३० करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी को बेंगलुरु से गिरफ्तार करने में क्राइम ब्रांच ३ युनिट ‘विरार’ (मीरा भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय) टीम को सफलता पाई है। यह कार्रवाई यह कार्रवाई क्राइम डीसीपी अविनाश अंबुरे व एसीपी अमोल मांडवे के मार्गदर्शन में युनिट ३ विरार के पी.आई. प्रमोद बडाख के नेतृत्व में पोउपनिरी अभिजीत टेलर व उमेश भागवत की टीम ने की है। यह जानकारी पुलिस अधिकारी ने शनिवार को दी है।

पुलिस ने बताया कि ,मीरा भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय आर्थिक अपराध शाखा को वरिष्ठों द्वारा जांच के तहत अपराध में वांछित/भगोड़े आरोपियों का पता लगाने व गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया था। पुलिस ने बताया कि,वर्ष २०११ से दिनांक ०४/०५/२०१८ के बीच मे.मंदार हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, इस निर्माण कंपनी में निदेशक/भागीदार/प्रवर्तक/ मध्यस्थ राजू सुलीरे, अविनाश ढोले, विपुल बी पाटिल, अलाउद्दीन शेख, यूसुफ कोटवाला और अन्य द्वारा आपस में मिलीभगत कर व आपराधिक साजिश रचकर उन्होंने पहले जरूरतमंद निवेशकों/ग्राहकों को रियायती दरों पर आधुनिक सुविधाओं का झूठा लालच दिया।उसके बाद निवेशकों/ग्राहकों को निर्धारित समय के भीतर उन सुनिश्चित फ्लैटों का कब्ज़ा नहीं देने पर ब्याज सहित निवेश/मूल राशि वापस करने की गारंटी दी जाती है, जिसमें उन्होंने पैसा निवेश किया है।

इसके बाद आरोपियों ने निवेशकों/ग्राहकों से उनकी जमा राशि स्वीकार कर ली और उनका विश्वास हासिल करने के लिए फ्लैटों का पंजीकृत विक्रय अनुबंध बनाकर फर्जी और झूठे दस्तावेजों के आधार पर एक ही फ्लैट कई ग्राहकों को बेचकर धोखाधड़ी की। अर्नाळा सागरी पुलिस स्टेशन में, भारतीय दंड संहिता अधिनियम १८६० अधिनियम की धारा ४०६, ४०९, ४६५, ४६७, ४७१, ४२०, ३४, १२० (बी) और महाराष्ट्र जमाकर्ता संरक्षण अधिनियम १९९९ की धारा ३, ४ के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया कि,तदनुसार, पुलिस उपायुक्त, अपराध, सहायक पुलिस आयुक्त, अपराध द्वारा दिए गए निर्देशों और आदेशों के अनुसार, आरोपी राजू सिध्दय्या सुलीरे की तलाश के लिए क्राइम ब्रांच युनिट ३ की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया और तकनीकी विश्लेषण किया गया।

गुप्त सूचना के माध्यम से आरोपी की पहचान की गई और आरोपी राजू सिध्दय्या सुलीरे (५४), निवासी-मरिअप्पानापाडीया नगर, केंगेरी, बेंगलुरु, कर्नाटक, बेंगलुरु से हिरासत में लिया। वहीं आरोपी राजू सिध्दय्या सुलीरे की प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसने विभिन्न गृह निर्माण कंपनियां स्थापित कर करीब १५० निवेशकों से ३० करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. वहीं आरोपी को आगे की व्ाâार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया है, उक्त आरोपी को ९ नवंबर २०२३ तक पुलिस हिरासत मिली है।

प्रमोद बड़ाख (पुलिस निरीक्षक – क्राइम ब्रांच युनिट ३ ‘विरार’) ने बताया कि ,आरोपी राजू सिध्दय्या सुलीरे को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है, यह आरोपी ५ साल से फरार चल रहा था, हमारी टीम ने कड़ी मेहनत कर उपरोक्त आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने १५० निवेशकों से ३० करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।हालाँकि, आगे की कार्रवाई के लिए उसे आर्थिक अपराध शाखा को सौप दिया गया है।

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