पेल्हार स्थित वाकनपाड़ा झील विकास से वंचित… बीजेपी ने दी आंदोलन की चेतावनी!
वसई : पेल्हार के शैवाल युक्त वाकनपाड़ा झील में दुर्गामाता के विसर्जन पर भक्तों ने नाराजगी जताई है. वाकनपाड़ा झील का सौंदर्यीकरण वर्ष 2019 में शुरू किया गया था। हालांकि, कोरोना काल और प्रशासनिक शासन के दौरान इस झील का सौंदर्यीकरण बंद हो गया है. झील के सौंदर्यीकरण का मामला तूल पकड़ते ही अब बीजेपी भी इस मामले में कूद पड़ी है.
बीजेपी के अश्विन सावरकर ने नगर पालिका को चेतावनी दी है कि अगर तालाब के सौंदर्यीकरण का काम आगे नहीं बढ़ा तो बीजेपी जोरदार आंदोलन करेगी. वसई-विरार नगर निगम ने इस साल के चालू वित्तीय बजट में झील के सौंदर्यीकरण पर जोर दिया है। लेकिन नगर निगम सीमा के अंदर महत्वपूर्ण तालाबों अभी तक सौंदर्यीकरण का इंतजार है. तालाबों के सौंदर्यीकरण व रख-रखाव के अभाव के कारण इस वर्ष दुर्गामाता विसर्जन के दौरान कई तालाबों में शैवाल का साम्राज्य दिखाई दिया.
दुर्गामाता को इस तरह पानी में विसर्जित करने पर भक्तों ने नाराजगी जताई है. इसी तरह का पैटर्न पेल्हार के वाकनपाड़ा में भी देखा गया। यहां वाकनपाड़ा झील का सौंदर्यीकरण पिछले चार साल से रुका हुआ है। नगर पालिका के कुप्रबंधन के कारण दुर्गामाता को वाकनपाड़ा झील के शैवाल युक्त पानी में बहा दिए जाने से पेल्हार के भक्तों ने नाराजगी व्यक्त की है. इस संबंध में भाजपा के अश्विन सावरकर ने नगर पालिका को वाकनपाडा झील के सौंदर्यीकरण का काम तुरंत शुरू नहीं करने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है.