मराठा आरक्षण पर ऑल पार्टी मीटिंग… CM शिंदे का आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मामले वापस लेने का ऐलान!
मुंबई : मराठा आरक्षण पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जालना में आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मुकदमे तत्काल वापस लेने का ऐलान किया है. इसके बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण को लेकर मराठवाड़ा इलाके और राज्य भर में आंदोलन देखा जा सकता है.
मनोज जरांगे पाटिल अनशन पर बैठे हैं. आज सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में सभी पक्षों ने अपना समय हमें दिया. मैं सरकार के तरफ से नेताओं का धन्यवाद कहना चाहूंगा. शिंदे ने कहा कि यह बैठक इसीलिए बुलाई गई क्योंकि सरकार को लोगों की चिंता है.
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मनोज पाटिल ने अनशन शुरू किया है, उनकी हमे चिंता है. उनका स्वास्थ खराब न हो, इसीलिए यह बैठक रखी गई थी. नेताओं से चर्चा करके एक फैसला लिया जाना चाहिए. राज्य में हर कहीं कानून- व्यवस्था बनी रहे, जाति- जाति में मतभेद नहीं पैदा हो, इसीलिए यह बैठक रखी गई थी.
जब- जब इस तरह की घटना पैदा होती है, तो तब- तब राज्य में कई बैठक होती हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है के सबने एक मत दिखाया है. मनोज पाटिल के अनशन को ध्यान में रखते हुए हम उनसे विनती करते हैं कि वह अपने अनशन से पीछे हट जाएं.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि आंदोलनकारियों के खिलाफ जो मामले दर्ज हुए हैं, उनको भी खत्म करने का फैसला लिया है. लाठीचार्ज के लिए जो अधिकारी दोषी हैं, उन पर कर्रवाई होगी. अब तक तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया है. सीएम ने कहा कि सरकार और सभी राजनैतिक दल आपके साथ हैं.
आपकी जान की हमे चिंता है. पर समिति को समय देना चाहिए. मराठा आरक्षण के लिए मिलने वाले शिष्टमंडल के साथ हमारी सकारात्मक चर्चा हो गई है. मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर सर्वदलीय सहमति बनी है. इस बात पर भी सहमति हुई कि अन्य समाज के आरक्षण को बिना हाथ लगाए इसे दिया जाना चाहिए.
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर हर तरफ से चर्चा हुई. कानूनी बात पर चर्चा की गई. यह फैसला लिया गया कि कोई भी फैसला कानून के दायरे में होना चाहिए. मराठा समाज धोखा नहीं खाएगा. सरकार का रुख इस मुद्दे पर सकारात्मक है. शिंदे ने कहा कि जिन समुदायों को आरक्षण मिला है, वे कोई भी आंदोलन नहीं करें, उनका आरक्षण कम नहीं होगा.