खुद की सफाई में जुटी मनपा अस्पताल… मनपा अतिरिक्त आयुक्त ने स्वच्छता पर दिया मुख्य ध्यान
मुंबई : मनपा अस्पतालों में गंदगी को लेकर मरीज हैरान परेशान रहते है। मरीजों को अपनी बीमारी से कहीं अधिक डर अस्पताल की गंदगी से बना रहता है की मनपा अस्पताल में ईलाज के लिए भर्ती हो और उन्हें दूसरी बीमारी न लग जाए। मनपा अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे दो माह पूर्व मनपा का अतिरिक्त आयुक्त का पदभार संभालने के बाद मनपा अस्पताल की अवस्था और मरीजों को दी जाने वाली सुविधा पर अपना पूरा ड़याँ केंद्रित किया है। मंप अतिरिक्त आयुक्त ने 2 महीने की मनपा के विभिन्न अस्पतालों का सौ से अधिक दौरे किए हैं।
मरीजों की देखभाल को मजबूत करने के अलावा अस्पतालों में स्वच्छता को लेकर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया जिसको लेकर मनपा अस्पतालों में विशेष सफाई अभियान चल रहा है। उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक राजहंस सिंह ने अभी हाल ही में सम्पन्न हुए अधिवेशन में मनपा के अस्पतालों एम् गंदगी को लेकर पोल खोली थी।उन्होंने आरोप लगाया था कि मनपा के सायन अस्पताल में गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है।
यहां इलाज के लिए आने वाले मरीज और परिजन गंदगी से परेशान रहते हैं। मनपा अस्पतालों में मरीजों का बुरा हाल हो रहा है। सरकार को मनपा अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए कदम उठाने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस मामले पर लिखित जवाब भी दिया था जिसमें कहा गया है कि सायन अस्पताल में साफ-सफाई की जिम्मेदारी एक प्राइवेट संस्था को को सौंपी गई है।
अस्पताल में ठीक से साफ़-सफाई न करने के कारण ठेकेदार पर 12 लाख रुपये का दंड लगाया गया है। अस्पताल की साफ- सफाई आगे भी यदि ठीक से नहीं की गई तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। मनपा अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे खुद अब मनपा अस्पतालों की साफ़ सफाई पर ध्यान देने का जिम्मा लिया है। मनपा अतिरिक्त आयुक्त खुद रात में मनपा अस्पतालों का दौरा कर रहे है और अस्पतालों में मरीजों के ईलाज संबंधी उपाय योजना के साथ अस्पतालों की सव्छ्ता पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।
मनपा के कुल पांच मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कार्यरत हैं। इन अस्पतालों में बिस्तरों की कुल संख्या लगभग 12 हजार 462 है। जबकि मनपा के 17 उपनगरीय अस्पताल भी कार्यरत हैं। इन 17 अस्पतालों में करीब 3 हजार 245 बेड हैं. इसके अलावा, पांच समर्पित विशेष अस्पताल कार्य कर रहे हैं। कस्तूरबा अस्पताल, एकवर्थ कैंसर अस्पताल, मुरली देवड़ा नगर नेत्र अस्पताल; क्षय रोग अस्पताल, शेठ आत्मा सिंह जेसा सिंह बांकेबिहारी कान, नाक और गला अस्पताल शामिल हैं।
मनपा अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे ने मरीजों की सुविधा उपलब्ध कराने से लेकर अस्पतालों में सफाई अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मनपा अस्पतालों में अधिकतम स्वच्छता बनाए रखते हुए मरीजों के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर वातावरण बनाना है।केईएम अस्पताल में 484 निजी कर्मचारियों और दैनिक आधार पर 723 कर्मचारियों और मनपा की मदद से पूरे क्षेत्र की नियमित सफाई की जा रही है।
इसके अलावा आवारा पशुओं और मच्छरों पर नियंत्रण के लिए भी उपाय किये गये हैं. सभी अस्पतालों में सख्त सफाई अभियान चलाया जा रहा है। सायन अस्पताल में 2 लाख वर्ग फुट क्षेत्र को साफ करने के लिए एक निजी संस्था के माध्यम से 404 मनुष्य बल और निजी 315 सफाई कर्मियों की भी मदद से सफाई की जा रही है। आवारा जानवरों के उत्पात को रोकने के लिए ब्रिक्स संगठन के 53 कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है.