ईडी ने महाराष्ट्र और केरल में मारे छापे… 12 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि कुवैती सरकार के लिए भारतीय नर्सों की भर्ती में कथित ठगी से जुड़े मामले में धन शोधन की जांच के तहत महाराष्ट्र और केरल में की छापेमारी की गई। छापेमारी की शुरुआत बृहस्पतिवार को की गई। इसके तहत मुंबई स्थित मैथ्यू इंटरनेशनल के मालिक पुथेनवीटिल जोसेफ मैथ्यू उर्फ ​​पी जे मैथ्यू के आवासीय परिसर और दोनों राज्यों में स्थित कई अन्य व्यावसायिक और आवासीय परिसर पर छापेमारी की गई।

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है जिसे आपराधिक गतिविधियों में शामिल होकर प्रवासियों से ‘अवैध रूप से और बेईमानी पूर्वक करोड़ों रुपये एकत्र करने के संबंध में दर्ज किया गया था।

पीजे मैथ्यू ने अपने बेटे थॉमस मैथ्यू उर्फ टॉम मैथ्यू के साथ मोहम्मद नैना प्रभु के साथ मिलकर वर्ष 2015 में कुवैती मंत्रालय में नर्सों की भर्ती के लिए धोखाधड़ी करके हासिल किये गए लाइसेंस का इस्तेमाल करके एक आपराधिक साजिश रची। प्रभु मुंबई स्थित मुनावारा एसोसिएट्स का मालिक है और इस कंपनी ने यह लाइसेंस भारत सरकार से हासिल किया था। आरोप है कि पी जे मैथ्यू ने इन नर्सों की भर्ती के लिए कुवैत स्थित जेजान इंटरनेशनल और अल-अमारकंपनी से मांग और मंजूरी पत्रों को मुनावारा एसोसिएट्स के नाम पर हासिल किया।

ईडी ने आरोप लगाया कि इसके बाद कोच्चि का तत्कालीन प्रवासी संरक्षक एडाल्फस भी साजिश में शामिल हो गया। एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने कोच्चि में प्रत्येक आवेदक से भारी सेवा शुल्क (करीब 20 लाख रुपये) लेकर नर्सों की भर्ती की, जबकि सेवा शुल्क की अधिकतम राशि 20 हजार रुपये तक सीमित है। ईडी ने कहा कि पीजे मैथ्यू और उनके सहयोगियों ने नर्सिंग प्रवासियों से ‘ठगी और अपराध के जरिये 205.71 करोड़ रुपये की कमाई की।

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