ठाणे जिले में ‘गर्डर लॉन्चर’ के गिरने से पहले बिजली के खंभे में दिखी थी ‘भीषण चिंगारी’…

ठाणे : ठाणे जिले में एक दिन पहले समृद्धि एक्सप्रेसवे के लिए एक पुल के निर्माण के दौरान ‘गर्डर लॉन्चर’ के गिरने से पहले उसे बिजली प्रदान करने वाले बिजली के खंभे में एक भीषण चिंगारी (बिग स्पार्क) दिखी थी। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस दुर्घटना में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी।

पुलिस ने बताया कि यह घटना मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर शाहपुर तहसील के सरलांबे गांव में सोमवार आधी रात के कुछ समय बाद हुई। अधिकारियों ने कहा कि कुछ घंटों बाद पुलिस ने घटना के संबंध में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें 10 मजदूरों सहित 20 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए।

महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने एक विज्ञप्ति में इसके पहले कहा था कि सेगमेंट लॉन्चर (क्रेन) और गर्डर लॉन्चर (700 टन वजनी) 35 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिर पड़े। इसमें कहा गया है कि यह घटना नवयुग इंजीनियरिंग और वीएसएल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सिंगापुर द्वारा 2.28 किमी लंबे पुल के निर्माण के दौरान हुई।

घायल मजदूरों में से एक, जिसकी पहचान 33 वर्षीय प्रेमप्रकाश अयोद्धा के रूप में हुई है, ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। महाराष्ट्र सरकार ने विशेषज्ञों से घटना की जांच कराने के आदेश दिए हैं। अपनी शिकायत में अयोद्धा ने कहा कि 31 जुलाई को उसने ड्यूटी के लिए रात आठ बजे उपस्थिति दर्ज कराई और उस समय मौके पर करीब 18 मजदूर, आठ से 10 इंजीनियर तथा कुछ पर्यवेक्षक मौजूद थे।

शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में कहा, ‘‘हम रात 11 बजे गर्डर लॉन्चर मशीन पर काम कर रहे थे। अचानक गर्डर लॉन्चर को बिजली मुहैया कराने वाले बिजली के खंभे में भीषण चिंगारी दिखी, जिसके कारण हम मशीन (गर्डर लॉन्चर) के साथ नीचे गिर गए। मैं और मेरे कुछ सहयोगी इसके नीचे फंस गए।’’

उन्होंने कहा कि पीड़ितों की चीख सुनकर अन्य मजदूर और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तथा बचाव कार्य शुरू किया। नवयुग इंजीनियरिंग के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत), धारा 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और धारा 34 (सामान्य इरादा) समेत अन्य धाराओं के तहत पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और जांच जारी है।

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