…अब महिला कोचों और प्लेटफार्मों पर वर्दीधारी कर्मियों को किया जाएगा तैनात
मुंबई : मुंबई के ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है। अब उपनगरीय ट्रेनों के महिला डिब्बों और प्लेटफार्मों पर रात 9 से सुबह 6 बजे तक के बीच 1,200 से अधिक की संख्या में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) वर्दी में जवानों को तैनात करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद उठाया कदम
मुंबई में उपनगरीय ट्रेनों में महिला यात्रियों के यौन उत्पीड़न की हालिया घटनाओं के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। पिछले महीने शहर में चलती ट्रेनों में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की दो घटनाएं सामने आईं थी। लवे पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर दोनों मामले सुलझा लिये थे।
पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को इन घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए कहा कि जीआरपी ने ट्रेन यात्रा के दौरान महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक योजना बनाई है, खासकर रात और सुबह के समय। उन्होंने कहा, रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच महिला डिब्बों में वर्दी में कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
ट्रेनों में 640 कर्मियों को किया जाएगा तैनात
अधिकारी ने कहा कि इन कर्मियों को जीआरपी, होम गार्ड और महाराष्ट्र सुरक्षा बल से लिया जाएगा। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मचारी भी जीआरपी के साथ समन्वय में काम करेंगे। विशाल मुंबई उपनगरीय ट्रेन नेटवर्क मध्य, पश्चिमी, हार्बर, ट्रांस-हार्बर और बेलापुर-नेरुल-खारकोपर (उलवे) लाइनों में फैला हुआ है।
उन्होंने कहा कि रात के समय रेलवे इन मार्गों पर 1,041 ट्रेनों का संचालन करता है। अधिकारी ने कहा, महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए, जीआरपी ने ट्रेनों में 640 और प्लेटफार्मों पर 600 से अधिक कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है।
हर दिन आते है 700-800 कॉल्स
अधिकारी ने आगे कहा, ‘अगर महिला यात्रियों को पता चलता है कि महिला कोच में सुरक्षाकर्मी नहीं हैं, तो वे तुरंत रेलवे हेल्पलाइन 1512 पर कॉल कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस साल 1 जनवरी से जीआरपी को हेल्पलाइन पर 1.58 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 13,921 मदद मांगने या जानकारी प्रदान करने के लिए थीं। पुलिस को प्रतिदिन 700 से 800 कॉल प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा कि जीआरपी ने हर कॉल को अटेंड किया और सभी मुद्दों का समाधान किया गया।
महिला यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
अधिकारी ने बताया कि इन कॉल्स पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 58 गंभीर अपराध दर्ज किए और 56 मामले सुलझाए। रेलवे पुलिस आयुक्त रवींद्र शिस्वे ने समाचार एजेंसी PTI से कह कि महिला यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। नई योजना के साथ, जीआरपी यह सुनिश्चित करेगी कि एक भी महिला डिब्बा लावारिस न रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान आवश्यकता के अनुसार, जीआरपी के पास पर्याप्त संख्या में जवान हैं और निकट भविष्य में उनकी संख्या में वृद्धि होगी।