वडाला-पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाला स्काईवॉक इन दिनों फेरीवालों और नशेड़ियों का अड्डा!
मुंबई : वडाला-पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाला स्काईवॉक इन दिनों फेरीवालों और नशेड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है। शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती दिख रही है, जिससे भविष्य में कोई गंभीर घटना घट सकती है। इस तरह का आरोप स्थानीय लोगों ने `दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर संजय रणदिवे के माध्यम से लगाया है।
उपनगर के भीड़-भाड़ वाले स्टेशनों में से एक वडाला स्टेशन पर आवागमन करने का यह स्काईवॉक एक प्रमुख जरिया है। रोजाना हजारों लोग इस रास्ते से गुजरते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से दिन में यहां फेरीवालों ने कब्जा जमा लिया है। फेरीवाले धड़ल्ले से बड़े-बड़े स्टॉल लगाकर व्यवसाय करते हैं, जिससे पैदल यात्रियों के लिए चलना बहुत मुश्किल हो जाता है। खासकर महिलाओं के लिए, क्योंकि असामाजिक तत्व इस भीड़ का फायदा उठाकर गलत हरकत करते हैं।
रात होते ही भीमवाड़ी के पास स्काईवॉक पर नशेड़ी और शराबी रात में शराब पीने के लिए बैठ जाते हैं। जिस वजह से पैदल चलने वाले लोग उस जगह से जाने से कतराते हैं। इस बात की शिकायत मनपा, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और रेलवे व सिटी पुलिस से की गई है, लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है। शिकायतकर्ता ने तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि लोग भयमुक्त होकर स्काईवाक का उपयोग कर सकें।
शिकायतकर्ता का कहना है कि स्काईवॉक की मरम्मत के लिए ९ लाख की धनराशि स्वीकृत की गई, लेकिन कोई ठोस काम नजर नहीं आता। सिर्फ स्काईवॉक का रंग-रोगन का कार्य आंशिक रूप से किया गया है। हालांकि, ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पहले मानसून के दौरान स्काईवॉक की छत के हिस्से हवा से उड़ गए थे।
वडाला स्काईवॉक पर फेरीवालों और नशेड़ियों की वजह से हो रही दिक्कतों की शिकायत के बाद मनपा ने फेरीवालों पर दिखावे के लिए कार्रवाई की थी, जिसके बाद फेरीवाले थोड़े दिन नजर नहीं आए। फेरीवालों ने स्काईवॉक पर पुन: डेरा जमा लिया है। मनपा ने मरम्मत के नाम पर इस स्काईवॉक के टूटे हुए टाइल्स को मात्र बदल दिया है।