हाईवे पर दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि… ५ हजार ८९७ जानलेवा दुर्घटनाएं, ६,४७३ लोगों की मौत !
मुंबई : सड़क परिवहन के लिहाज से अहम राज्य की सड़कें अब मौत का हाईवे बन गई हैं। हाईवे पर हवा की गति से चल रही गाड़ियों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले पांच महीनों में राज्य में ५ हजार ८९७ जानलेवा दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें ६,४७३ लोगों की जान चली गई है।
दुर्घटनाओं में पीड़ितों की संख्या चिंताजनक है। समृद्धि हाईवे पर एक प्राइवेट लग्जरी बस हादसे में २५ लोगों की जान चली गई है इसलिए, सड़क दुर्घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों का मुद्दा एक बार फिर से सामने आया है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मई तक पांच महीने की अवधि में हाईवे पर करीब ६ हजार हादसे हुए हैं और पीड़ितों की संख्या भी ज्यादा है।
पिछले साल इसी समय के दौरान ६,३३७ दुर्घटनाओं में ६,९१५ लोग मारे गए थे। ये हादसे वाहनों की बढ़ती रफ्तार के कारण हो रहे हैं। चूंकि दुर्घटना के शिकार ९० प्रतिशत पुरुष होते हैं इसलिए उनके परिवार को आर्थिक रूप से संकट का सामना करना पड़ता है।
अन्य हाईवे पर हो रही दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने और बे्रक फेल होने की वजह से हो रही हैं लेकिन समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर अधिकतर घटनाएं हाईवे हिप्नोसिस की वजह से हो रही हैं। हाईवे हिप्नोसिस को दूर करने के लिए सरकार को थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक स्ट्रिक्ट स्टॉप बनाना चाहिए, जिसकी वजह से लोग कुछ देर रुकेंगे और हाईवे हिप्नोसिस से बच सकेंगे। लगातार एक ही स्थिति में काफी दूरी तक गाड़ी चलाने से दिशा परिवर्तन का बोध ही नहींr होता जिसकी वजह से लोग एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं।