चार महीने पहले शुरू हुए वसार्वा खाड़ी पुल का यह है हाल…मुंबई- अहमदाबाद हाइवे की रफ्तार पर गड्ढों ने लगाया ब्रेक _
पुराने पुल पर आई दरार, कई वार हुई थी मरम्मत
2 लगभग 247 करोड़ रुपये की लागत से यह पुल पाच साल में बनकर तैयार हुआ
वसई: मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर भाईदर खाड़ी पर बनाया गया नया वसोर्वा पुल मॉनसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया। पिछले दिनों हुई तेज बारिश से इस पुल पर जगह- जमह गहढे बन गए है। गड्ढों की वजह से यहां भारी र्रैफिक जाम लग रह है, जिससे वहनचालको की परेशानी बढ़ गई है। लगभग तीन महीने पहले ही इस पुल को आयागमन के लिए खोल गया था। मॉनसून की पहली बारिश में ही भाईदर खाड़ी पर बनाया गया नया चसोंज पुल की सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देने लगे हैं। लोगों ने इस सड़क निर्माण की गुणवंत्र पर सबल उठाए हैं।
बारिश में इस ब्रिज पर बने गड्टों में पानी भर जाने से तेज रफ्जर याहनों के दुर्घटनागस्त होने की संभावना बनी रहती है। हल ही में 28 मार्च 2023 को ही इस नए पुल को आकगमन के लिए खोल गया था। बता दें कि इस हाइवे पर मुंबई से मुजसत की दिशा में जाने के लिए एक पुराना पुल है, लेकिन यहा दरारें आ गई थीं, जिसके कारण कई बार उसकी मरम्मत की गई। पुराना पुल काफी संकरा है, जिसके कारण यहा हमेशा भारी ट्रैफिक जाम की समस्या होती है।
पांच साल में बन कर तैयार हुआ नया पुल: पुस]ने पुल पर बार-बार दरारें आने एवं ट्रैकिक जाम की समस्या से निपटने के लिए राज्य य केंद्र सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर तीसरे चार लेन वल नया पुल बनाने का फैसला लिया था। 10 जनऊरी 208 को इस नए पुल का भूमिपूजन हुआ था। लगभग 247 करोड़ रुपये की लागत से यह पुल पांच साल में बनकर तैयार हुआ।
हालांकि पुल का शुभारंभ करने से पहले ही सांसद राजन विचारे और राजेंद्र गाकित ने इसकी गुणवत्ता को लेकर साल उठाए थे । इसके बावजूद शिकायत्तों की अनदेखी को गई। मार्च में गुजरात की ओर जाने वाले वाहनों के लिए इस पुल से जगमन शुरू कर दिया गया। पहली ही बारिश में इस पुल पर बड़े-बड़े गछ्ढें बन गए हैं। इसकी वजह से नया पुल फिर से विवादों में आ गया है। स्थानीय लोगों े का कहना है कि पुल निमाण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है।