1 जुलाई से मुंबई में पानी की कटौती… जलाशयों में बचा सिर्फ 26 दिन का पानी!
मुंबई : मुंबई में मॉनसून आ चुका है। शहर के विभिन्न हिस्सों में बीते तीन दिनों से जोरदार बारिश हो रही है। जबकि मौसम विभाग ने भी मुंबई में अगले 3-4 दिनों तक अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है। लेकिन इसके बावजूद मुंबई की प्यास बुझाने वाले प्रमुख जलाशयों (झीलों) में पानी का कम होना चिंता का विषय बन गया है।
इस वजह से मुंबई के लोगों को 1 जुलाई से पानी की कटौती झेलनी पड़ेगी। मुंबई में मॉनसून के दस्तक देने की सामान्य तारीख 10 जून है। जबकि मुंबई में 25 जून को मॉनसून की एंट्री हुई। मॉनसून के लंबा खिंचने के कारण मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली सभी सात झीलों में केवल सात प्रतिशत पानी बचा है। चूंकि इतना पानी केवल अगले 26 दिनों के लिए पर्याप्त है। इसलिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने 1 जुलाई से जलाशयों में पर्याप्त पानी भंडार होने तक शहर में 10 प्रतिशत पानी की कटौती की घोषणा की है।
बताया जा रहा है कि भले ही मुंबई शहर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो रही है, लेकिन जलाशयों के पास जितना जरुरत है, उतनी बारिश नहीं हुई है। इसलिए मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले सभी सात जलाशयों में केवल 6.97 प्रतिशत पानी ही आपूर्ति योग्य बचा है। इसी को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को बीएमसी प्रशासन ने पानी कटौती का फैसला लिया।
अधिकारियों ने कहा कि जब तक मुंबई को पानी सप्लाई करने वाली 7 झीलों में पर्याप्त पानी नहीं हो जाता तब तक पानी की कटौती की जाएगी। इस संबंध में बीएमसी के जल विभाग ने बीएमसी कमिश्नर व प्रशासक इकबाल सिंह चहल के पास 10 प्रतिशत पानी कटौती का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कल मंजूरी दे दी गई।
वहीँ, सिडको ने आज (28 जून) से अपने आपूर्ति क्षेत्रों में 15 प्रतिशत पानी की कटौती शुरू कर दी है। बता दें कि मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले सभी सात झीलों- भातसा, अपर वैतरणा, मध्य वैतरणा, तानसा, मोडक सागर, विहार और तुलसी की जल संग्रहण क्षमता 14 लाख 47 हजार 363 मिलियन लीटर है। इन सात बांधों से प्रतिदिन 385 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। लेकिन बारिश नहीं होने से इन झीलों में पानी के भंडार में तेजी से कमी आई है।