बोईसर की जनसंख्या बढ़ी लेकिन सुविधाएं नदारद…

पालघर : जिले के बोईसर-तारापुर इलाके में एशिया का नामचीन औद्योगिक क्षेत्र है। विशाल औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण बोईसर और आस-पास के इलाके की जनसंख्या लाखों में है, जो लगातार बढ़ रही है, लेकिन सुविधाओं के मामले में आज भी ये इलाका का पिछड़ा हुआ है।

बोईसर आज भी हॉस्पिटल, सड़क, गटरलाइन, डंपिंग ग्राउंड, सार्वजनिक गार्डन जैसी तमाम मूलभूत सुविधाओं से कोसोें दूर है। बोईसर और आस-पास की ग्रामपंचायतों को मिलाकर नगरपालिका बनाने की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है। आबादी से लेकर आय तक का गुणा भाग करें तो सभी दृष्टि से बोईसर का हक बनता है कि उसे नगरपालिका का हक मिले।

बोईसर की भूमि ने कई राजनीतिक धुरंधर भी दिए पर सत्ता व राजनीति के इस शतरंजी खेल में शहर को कुछ खास हासिल नहीं हो पाया। बोईसर तारापुर का औद्योगिक इलाका सरकार के लिए सोने के अंडे देने की मुर्गी से कम नहीं है। सालाना अरबों रुपए की जीएसटी देने वाला औद्योगिक हब है।

इसके बावजूद यहां के कई इलाकों में अप्रैल से पेयजल की समस्या शुरू हो जाती है। यहां एमआईडीसी में टाटा, जिंदल, विराज, बॉम्बे रेयॉन, सियारामस, लूपिन, वाडीलाल के अलावा देश की ब्रांडेड कंपनियां मौजूद हैं, लेकिन आज भी बोईसर और आस-पास के इलाकों की पहचान एक पिछड़े हुए इलाको में होती है। यहां पर मुंबई-अमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर पर चलने वाली बुलेट ट्रेन का भी स्टॉपेज प्रस्तावित है। कुछ किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे ४८ से शहर जुड़ा हुआ है व महाराष्ट्र का बड़ा फिशिंग पोर्ट सातपाटी यहां से २० किलोमीटर दूरी पर है।

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