केराकत पुलिंस ने फौजी के साथ भी किया खेल… तहरीर बदलवा कर लिंखा मुकदमा – थानागद्दी जौनपुर

केराकत : केराकत कोतवाली थाना की पुलिस तहरीरों को अपने मुताबिक बदलवाने में रवासी माहिर है। आम हो या खास होगा वही जो कोतवाली पुलिस चाहेगी। खास बात यह कि पुलिस भी ऐसा इसलिए कर पाती है क्योंकि उसे दलाल पत्रकारों का शह मिलता है। ताजा मामला सरौनी पश्चिम पट्टी गांव निवासी फौजी अविनाश का है।

अविनाश के घर बीते सप्ताह ग्यारह लाख सत्तर हजार की चोरी हो गर्ड। अविनाश के मुताबिक जब वह थाने पर चोरी की रपट दर्ज कराने गए तो पुलिस ने तहरीर को बदलवा दिया और अपने मुताबिक प्राथमिकी दर्ज कर ली। अविनाश के अनुसार कितने रुपयों की चोरी हुई पुलिस ने मुकदमा में उसका जिक्र ही नहीं किया।

एफआर्ड्आर की कापी पढ़कर फौजी के पैरों तले की जमीन खिंसक गई। उसने कोतवाल से मिलकर आपत्ति जताई लेकिन कोतवाल ने एक न सुती। फौजी भी अड़िया गए। गुरुवार को पुलिस कप्तान के पास पहुंच गए और शिंकायती पत्र दिया। पीड़ित ने आरोप लगाया की वे केराकत इंस्पेक्टर से बीस बार मिले लेकिन इंस्पेक्टर ने कोई कार्यवार्ड नहीं हुर्ड।

फौजी ने कप्तान से परिवार की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होने लिखा कि जांच अधिकारी राकेश तिवारी भी जांच के नाम पर महज दिन काट रहे हैं। फौजी ने कप्तान से अपनी छुट्टी खत्म हो जाने के बाद ड्यूटी पर रवाना हो जाने की बात कही और न्याय की गुहार लगार्ड़। जिस पर कप्तान ने न्याय का आश्वासन दिया और मामले की जांच के लिए सीओ को निर्देश दिया।

कोतवाल की दलालों से यारी,फरियादियों पर पड़ रही भारी
केराकत पुलिस पर दलालों से यारी को लेकर चर्चा में है। आरोप है कि कि कोतवाल दलालों को प्रश्नय दे रहे हैं। बीते दिनों एक दलाल का ड़ंस्पेक्टर को सेट करने के नाम पर रुपए वसूलने का ऑडियो वायरल हुआ था। वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यवार्ड के लिए आदेश दिया, लेकिन मामला रफा दफा कर दिया गया।

रविवार को एक बार फिर दलाल का कोतवाल के ठीक समानांतर बैठे फोटो वायरल है। जिससे कोतवाली थाना पुलिंस की जमकर किरकिरी हो रही है। नाम न छापने का आग्रह करते हुए कई लोगों ने शिंकायत की है कि अपराध बढ़ने के पीछे दलालों का बड़ा रैकेट काम करता है।

किसी भी अपराधी,उच्चके,चोर को पुलिस जैसे ही पकड़ने की कोशिंश करती है। दलाल के माध्यम से उसके पास संदेश भेजवाकर क्षेत्र छोड़ने को कहा जाता है और उसके बाद शुरु होता है रुपयों के उगाही का खेल। जानकारी के मुताबिक जो आरोपी मांग पूरी कर देता है उसे बक्श दिया जाता है और जो मांगें पूरी नहीं कर पाता उसे शारीरिक और मानसिक यंत्रणा झेलनी पड़ती है। कुल मिलाकर पुलिस और दलाल पत्रकारों की मिलीभगत से केराकत में वसूली का घंधा खूब फल फूल रहा है।

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