2025 तक विरार- डहाणु कॉरिडोर परियोजना होगी पूरी…
आवागमन : 60 किलोमीटर लंबा मार्ग, बिछाई जा रही तीसरी और चौथी लाइन
अनुमानित लागत… एमयूटीपी – 3 की इस योजना की लागत 3,578
मुंबई : आर्थिक राजधानी मुंबई और पालघर के बीच आवागमन सुगम बनाने से जूड़ी बहुप्रतीक्षित रेल परियोजनाओं में से एक विरार- डहाणु कॉरिडोर प्रोजेक्ट पटरी पर आता दिख रहा है। भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होने के बाद परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। 60 किमी मार्ग पर तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाई जानी है। इस परियोजना के अंतर्गत वैतरणा नही पर एक और पुल तैयार किया जा रहा है।
इस मार्ग पर दो और रेल लाइन तैयार होने पर मेल- एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनों के परिचालन के लिए स्वतंत्र कॉरिडोर हो जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर, 2025 के बाद इस कॉरिडोर पर लोकल सेवाओं के संख्या बढ़ जाएगी। विरार से लेकर डहाणु तक फैले क्षेत्र के लाखों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
हाईकोर्ट में याचिका दायर
इस परियोजना के अंतर्गत 24 हेक्टेयर में अलग-अलग क्षेत्रों में 21 हजार मेंग्रोव्ज काटे जाएंगे। इसके लिए मुंबई रेल विकास निगम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है । योजना के अनुसार, यदि एमआरवीसी को हाईकोर्ट से मेग्रोव्ज काटने की अनुमति मिल जाती है, तो इस प्रोजेक्ट का काम जमीनी स्तर पर और भी तेजी से शुरु हो जाएगा।
बनेंगे 8 नए स्टेशन
यहां 8 नए स्टेशन बनेंगे। कुछ स्टेशनों की इमारतें बदलेंगी, जिसमें विरार, वैतरणा, सफाले, केलवे रोड़, पालघर, उमरोली, बोईसर, वानगांव और डहाणु शामिल है।
निमार्ण प्रगति पर
अगस्त,२०२२ में विरार और वैतरणा स्टेशन बिल्डिंग, सर्विस बिल्डिंग, स्टाफ क्वार्टर और प्लेटफॉम का ठेका दिया। दूसरे चरण में स्टेशन बिल्डिंग, सर्विस बिल्डिंग, स्टाफ क्वार्टर, बनेगा।
643 करोड़ रुपए खर्च
मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एमयूटीपी) 3 की इस योजना पर 3,578 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है। अब तक इस प्रोजेक्ट के लिए 643 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है।
वैतरणा नदी पर रेलवे पुल
600 मीटर लंबे पुल के लिए पिलर्स बनाने का काम शुरु, 2 बड़े पुल बनाए जाएंगे, मार्ग में 16 मेजर ब्रिज 67 माइनर ब्रिज बन रहे है। 3.78 वन्य जमीन के लिए मई, 2022 में तैयारिंयां कर ली गई हैं।
परियोजना का कार्य योजना के योजना के अनुसार और निर्धारित समय के साथ आगे बढ़ रहा है। हम लगातार इसकी निगरानी कर रहे है।– सुनील उदासी, सीपीआरओ, एमआरवीसीएल