ठाणे जिले में नशे के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई, जिलाधिकारी ने दिया निर्देश…

ठाणे : पिछले कुछ वर्षो में युवाओं में नशे की लत तेजी से फैल रही है। युवा पीढ़ी बर्बादी की तरफ जा रही है। जिसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने नशे के कारोबार के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। जिलाधिकारी अशोक शिनगारे ने कहा है कि ठाणे जिले में नशीले पदार्थों के उपयोग, बिक्री और भंडारण को रोकने के लिए जिले में बंद कारखानों और गोदामों की जांच कर छापेमारी की जानी चाहिए। साथ ही इसके लिए आधुनिक तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

जिलाधिकारी अशोक शिनगारे की अध्यक्षता में नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर कमेटी और जिला स्तरीय नशा विरोधी कार्यकारी समिति की बैठक हुई। जिसमें जिला पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमाने , जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंगाधर परगे, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. भाऊसाहेब कारेकर, आबकारी अधीक्षक नीलेश सांगडे, जिला कृषि अधिकारी दीपक कुटे, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त राजेश चौधरी, जिला अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. मृणाली राठौड़, जीएसटी अधीक्षक अंबरीश शिंदे, सहायक डाकघर अधीक्षक अमिता कुमारी, जिला सूचना अधिकारी नंद कुमार वाघमारे, स्थानीय क्राइम ब्रांच के पुलिस निरीक्षक सुरेश मनोरे सहित अन्य उपस्थित थे।

बैठक में पुलिस अधीक्षक देशमाने ने जिला पुलिस तंत्र के माध्यम से नशीले पदार्थों के उपयोग, बिक्री और परिवहन को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी। जिले के मुरबाड और शहापुर औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया है। साथ ही देश के बाहर से आने वाले कुरियर पर नजर रखी जा रही हैं। देशमाने ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद स्कूलों में जनजागृति कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को जानकारी दी जाएगी।

जिलाधिकारी शिनगारे ने कहा कि नशा युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहा है और इसका असर उनके परिवारों पर भी पड़ रहा है। इसलिए ऐसे पदार्थों को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है और सभी संबंधित विभाग सतर्क रहें। नशीले पदार्थों की तस्करी, बिक्री और खपत पर अंकुश लगाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाना चाहिए।

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