बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का रास्ता साफ व एक स्टेशन विरार में तय…

विरार : केंद्र सरकार का बहुचर्चित बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस परियोजना के लिए अब स्टेशन बनाने की दृष्टि से आंदोलन शुरू हो गया है,जिसमें से एक स्टेशन विरार में तय किया गया है,इसलिए, एक जापानी संगठन ने हाल ही में विरार का निरीक्षण किया कि कैसे और कहां स्टेशन बनाया जाएगा।

इस स्थान पर उन्होंने स्टेशन के विभिन्न कार्यों की समीक्षा की.केंद्र सरकार ने मुंबई और गुजरात को जोड़ने वाली मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे (बुलेट ट्रेन) की महत्वाकांक्षी परियोजना को हाथ में लिया है। इस बुलेट ट्रेन का रूट पालघर जिले से होकर गुजरेगा और जिले के कुल ७३ गांव प्रभावित होंगे,बुलेट ट्रेन का रूट वसई तालुका के विरार,कोपरी, चंदनसार, नालासोपारा,बिलालपाड़ा, मोरे, पोमन, मोरी,बापाने, ससूनवघर, नागले, सारजा मोरी,नरिंगी,जुली बेट जैसे कुल २१ गांवों से होकर गुजरेगा.

इसके लिए नेशनल हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन द्वारा वसई से कुल ७१. ५२ हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है।उनमें से ५२.७५ हेक्टेयर निजी क्षेत्र,७.४५ हेक्टेयर वन क्षेत्र और ४.३१ हेक्टेयर सरकारी भूमि शामिल है, मुंबई में बीकेसी से अहमदाबाद में साबरमती तक ऐसे कुल १२ स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा।

जिनमें से ४ स्टेशन महाराष्ट्र के बीकेसी, ठाणे, विरार और बोईसर में तय किए गए हैं। इनमें यह स्टेशन विरार पूर्व में बनाया जाएगा। उस स्थान पर जनवरी माह में भूमि समतलीकरण एवं अन्य कार्य किये गये थे।उसके बाद जापान में विभिन्न देशों को विकास कार्यों के लिए वित्तीय सहायता या ऋण देने वाली सरकारी संस्था के प्रतिनिधियों ने विरार का दौरा किया है.उन्होंने जगह का मुआयना किया और सर्वे किया कि स्टेशन कैसा होगा।

इस अवसर पर वसई विरार शहर महानगर पालिका के अधिकारी, एमएमआरडीए के अधिकारी, सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।दिलचस्प बात यह है कि इस जगह पर उन्होंने एरिया१, एरिया २ और एरिया ३ के हिसाब से निरीक्षण किया। क्षेत्र १ में स्टेशन क्षेत्र शामिल है, स्टेशन को कैसे विकसित किया जाएगा, इसकी समीक्षा की गई।

एरिया २ व ३ में स्टेशन बनने के बाद अन्य विकास कार्यों को कैसे तैयार किया जा सकता है, इसके तकनीकी पहलुओं की भी समीक्षा की,वसई विरार में नागरिकों ने बुलेट ट्रेन परियोजना का भी विरोध किया। लेकिन अब इस परियोजना के लिए शत-प्रतिशत जमीन हस्तांतरित होने से यह देखा जा रहा है कि नागरिकों का विरोध भी कम हो गया है। लिहाजा इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का रास्ता साफ हो गया है।

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