नवी मुंबई की बढ़ती आबादी बनेगी पानी की समस्या… मोरबे डैम में बचा है सिर्फ 42 प्रतिशत पानी
नवी मुंबई : जिस तरह से दिन प्रति दिन नवी मुंबई की आबादी बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में नवी मुंबई के नागरिकों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल नवी मुंबई महानगरपालिका की मोरबे डैम में अभी 42 प्रतिशत पानी बचा हुआ है। नवी मुंबई की जनसंख्या को देखते हुए पानी की यह मात्रा काफी कम है, इसलिए जलापूर्ति विभाग पानी की कटौती करने का विचार कर रहा हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, नवी मुंबई शहर में मोरबे डैम से प्रतिदिन 475 एमएलडी जलापूर्ति की जाती है, जिसमें से 45 एमएलडी पानी महानगरपालिका द्वारा पनवेल, कलम्बोली और अन्य भागों में दिया जाता है, जिसके चलते नवी मुंबई शहर को प्रतिदिन 325 एमएलडी पानी प्रतिदिन सप्लाई की जाती है। हालांकि नवी मुंबई परिसर में सभी लोगों को पर्याप्त पानी मिलें, इसके लिए नवी मुंबई महानगरपालिका एमआईडीसी की बारवी डैम से पानी लेती है।
महानगरपालिका प्रशासन का कहना है नवी मुंबई महानगरपालिका द्वारा ऐरोली, म्हापे, दीघा में सिडको द्वारा बनाए गए घरों और झोपड़पट्टी क्षेत्रों में भी जलापूर्ति करती है। यहां पर लोग बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादीकरते हैं क्योंकि इनके लिए पानी प्रयोग करने के कोई मानक नहीं हैं और जो नियम बनें भी हैं उससे तीन गुना अधिक पानी का प्रयोग करते हैं।
महानगरपालिका प्रशासन का कहना है कि महानगरपालिका परिसर में जो गांव हैं, वहां पर बड़ी संख्या में आबादी बढ़ी है। इसके साथ नया निर्माण भी हुआ नयी इमारतें भी बन रहीं हैं। उन इमारतों में रहने के लिए लोग भी आ रहें हैं। इसकी वजह से महानगरपालिका पर जलापूर्ति करने का दबाव भी बढ़ रहा है, जिसके चलते पेयजल की किल्लत होने की पूरी उम्मीद है।
नवी मुंबई महानगरपालिका परिसर में बनी सोसायटियों में पानी का उपयोग करने की लिमिट तय की गयी यदि कोई सोसायटी उससे अधिक पानी का प्रयोग करता है तो उससे अधिक बिल वसूल किया जाता है। हालांकि पीने वाले पानी से पेड़ों की सिंचाई करना या फिर वाहनों को धोने पर पहले से ही बैन लगाया गया है यदि किसी सोसायटी में ऐसा करते पाया जाता है तो उस दंडात्मक कार्रवाई भी की जाती है।
प्रति व्यक्ति 135 लीटर से 150 लीटर पानी के उपयोग करने की लिमिट तय की गयी है। पानी की तय लिमिट से अधिक पानी का उपयोग किया जा रहा है इसके लिए जलापूर्ति विभाग के इंजीनियरों द्वारा सर्वे का काम किया जा रहा है। पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए आम नागरिकों को पानी का उपयोग संभाल करना चाहिए। पानी के दुरपयोग से बचना चाहिए।