मनपा अवैध निर्माणकर्ताओं की सूची करें जारी… ताकि बेघर न हों नागरिक

भाजपा जिलाउपाध्यक्ष मनोज बारोट ने उठाया अवैध निर्माण का मामला
अवैध निर्माण को पनाह देनेवालों अधिकारियों पर हो कार्रवाई.

वसई। वसई विरार शहर महानगरपालिका क्षेत्र में अवैध निर्माण के कारण यहां की करीबन 30 लाख नागरिक अपनी मूल भूत सुविधाओं से वंचित और असुरक्षित हो रहे है. लेकिन अवैध निर्माण पर रोक लगाने में मनपा प्रशासन पूरी तरह से विफल नजर आ रहा है. इसका मुख्य कारण अवैध निर्माण को लेकर वसई विरार शहर महानगरपालिका की दोहरी नीति है. भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट का कहना है कि नालासोपारा पूर्व स्थित संतोष भुवन, अभिनंदन होटल के पास मुख्य रास्ते पर अवैध गाले का निर्माण हो रहा था. इस अवैध निर्माण की जानकारी दिनांक 27 मार्च को मनपा आयुक्त अनिल कुमार पवार और उपायुक्त अजीत मूठे को फोन कॉल द्वारा दी गई थी.

तब दो दिन में कारवाई करने का आश्वासन दिया था. लेकिन उस जगह विशाल गाले का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ देख बारोट ने दिनांक 13 अप्रैल को मनपा आयुक्त को लिखित पत्र द्वारा सवाल खड़ा करते हुए जवाब मांगा कि अवैध निर्माण पर नियंत्रण लगाने के लिए बीट चौकी बनाई गई। आयुक्त ने कार्यभाल संभालते ही घोषणा की थी कि जिस प्रभाग में अवैध निर्माण पाया जाएगा उस प्रभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर कारवाई की जाएगी. फिर भी आए दिन अवैध निर्माण पर कारवाई की खबरे विविध माध्यमों द्वारा सुनने और देखने को मिलती है, इसका मतलब स्पष्ट होता है की क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरोशोरो से हो रहा है. लेकिन किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर कारवाई हुई हो ऐसा सुनने में नही आया.

इसलिए बारोट ने आयुक्त से मांग की है की संतोष भुवन में बने अवैध निर्माण के साथ साथ क्षेत्र में हो रहे सभी अवैध निर्माण और अवैध निर्माण को पनाह देनेवाले अधिकारी कर्मचारियों पर की गई घोषणा के मुताबिक तत्काल कारवाई की जाए। अन्यथा यह माना जायेगा कि बीट चौकी, अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की घोषणा और अवैध निर्माण पर हो रही कार्रवाई सिफ’ दिखावे के लिए होती है। वाई मनोज बारोट ने कहा कि करदाताओं के कर की लूट के साथ-साथ अवैध निमार्ताओं में दहशत निर्माण कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ही यह सब नाटक रचा गया है. बारोट ने मनपा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि क्षेत्र में हर जगह छोटा मोटा अवैध निर्माण शुरू है, लेकिन पेल्हार और वालिव प्रभाग में बड़े पैमाने पर हो रहा है, जहां कुछ गिने चुने अवैध निर्माण पर ही कारवाई की जा रही है.

इसका मतलब साफ है कि मनपा के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने कुछ अवैध निमार्ताओं को तालुका में अवैध निर्माण करने की खुली छूट दे रखी है. इसलिए बारोट ने आयुक्त से यह मांग की है कि यदि कुछ भवन निमार्ताओं को अवैध निर्माण का अधिकार देही दिया है तो उन लोगो की सूची जारी की जाएं ताकि नागरिक भी इन अवैध निमार्ताओं से अपने सपनो का घर न खरीदें। जिससे वे धोखाधड़ी और न बेघर होने से बच गए।

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