वडाला में घर के सामने स्लम की मस्जिद पर 19 लाउडस्पीकरों ने उड़ाई बुजुर्ग की नींद, हाईकोर्ट से मांगी मदद
मुंबई : लाउड स्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर कई बार आवाजें उठती रही हैं, लेकिन इन पर कोई सख्त नियंत्रण अभी तक संभव नहीं हो पाया है. इस बार धार्मिक स्थल पर लगे लाउड स्पीकरों की आवाज से परेशान होकर एक मुंबई के बुजुर्ग ने बॉम्बे हाईकोर्ट से गुहार लगाई है.
वह हृदय रोग से पीड़ित है और रात भर सो नहीं पा रहा है. उसने कई बार पुलिस से इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने कोर्ट का दरबाजा खटखटाया है. दरअसल, मुंबई के वडाला में रहनेवाले एक 75 साल के पूर्व नौसैनिक ने लाउडस्पीकर से परेशान होकर उसके खिलाफ आवाज उठाई है.
तेज आवाज से वह रोज परेशान होने लगा. उसने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की, लेकिन उसे पुलिस की ओर से कोई भी ठोस आश्वासन नहीं मिला. इसी के बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. 2017 में नौसेना से रिटायर्ड हुए महेंद्र सप्रे अपनी पत्नी जो कि ICT में प्रोफेसर है, उनके साथ संस्था की फेकल्टी बिल्डिंग में रहते है.
सप्रे की वडाला स्थित बिल्डिंग के ठीक सामने बंगालीपुरा स्लम है जहां की मस्जिदों और मजारों के ऊपर 19 से ज्यादा अवैध तरीके से लगाए गए लाउडस्पीकर और उसकी तेज आवाज से वह बेहद परेशान हैं. महेंद्र सप्रे के दिल में तीन स्टेंट लगे हुए है और उन्हें तेज आवाज से बेहद परेशानी होती है. डॉक्टर ने उन्हें ज्यादा आराम और नींद पूरी करने की सलाह दी है, लेकिन महेंद्र का कहना है कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज के चलते वो सो नहीं पाते.
परेशान होकर महेंद्र ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक रिट पिटीशन दाखिल कर दी. उनके वकील प्रेरक चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के मुताबिक लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण के कई कड़े नियम हैं जिसका यहां पालन नहीं हो रहा है. वकील ने बताया कि उनके क्लाइंट की सेहत ज़्यादा नाजुक है ऐसे में उन्हें हाईकोर्ट आना पड़ा, क्योंकि पुलिस 500 से ज्यादा शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी.
वकील ने यह साफ कर दिया कि यह मामला किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. यह सैकड़ों लोगों की समस्या है. अधिवक्ता प्रेरक चौधरी ने बताया कि उनकी याचिका की पहली सुनवाई 12 अप्रैल को हुई थी और अब अगली सुनवाई 12 जून को होगी.