ठाणे को बोरीवली से जोड़ने वाली १०.२५ किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग परियोजना
मुंबई मुंबई में ठाणे को बोरीवली से जोड़ने वाली १०.२५ किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग परियोजना पर निर्माण कार्य मानसून से पहले शुरू करने की बात कही गई है। हालांकि, इसके पूर्ण होने की संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) ने दो पैकेजों में टेंडर जारी किया है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो परियोजना समय पर शुरू हो जाएगी। इस मार्ग से ठाणे और बोरीवली के बीच मौजूदा ६० मिनट के आवागमन में १५ से २० मिनट की कटौती होगी, जबकि १०.५ लाख मीट्रिक टन र्इंधन की बचत होगी। यह कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में ३६ प्रतिशत की कमी में भी योगदान देगा। लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंप्रâास्ट्रक्चर्स लिमिटेड (एमईआईएल) मुंबई में ठाणे-बोरीवली जुड़वां सुरंग परियोजना के निर्माण के लिए बोलियों के खुलने के बाद केवल २ बोली दाता हैं। बोलियों को अब तकनीकी मूल्यांकन के लिए भेजा गया है, जिसे पूरा होने में कुछ महीने लग सकते हैं।
एमएमआरडीए ने दिसंबर २०२२ में २ सिविल पैकेज के तहत अपने सिविल निर्माण के लिए अज्ञात अनुमान और ४ साल की समय सीमा के साथ निविदाएं आमंत्रित की थीं। परियोजना की कुल अनुमानित लागत १३,२०० करोड़ रुपए है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) की इस सड़क परियोजना में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) के तह से होते हुए करीब २०.८ किमी की सड़क सुरंगें और दोनों सिरों पर १ किमी की सड़कें होंगी।
सतह के नीचे २३ मीटर की अधिकतम गहराई पर ४ मेगा टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का उपयोग करके प्रत्येक ३ लेन वाली सुरंगों का निर्माण किया जाएगा और बोरीवली में मागाठाणे के एकता नगर और ठाणे में मानपाड़ा में टिकुजी-नी-वाडी को जोड़ा जाएगा। बन रहे इस टनल से ठाणे और बोरीवली के बीच यात्रा के समय में कटौती होगी, साथ ही ठाणे के घोड़बंदर रोड पर यातायात की भीड़ को कम करने में भी सुविधा होगी।
हर ३०० मीटर पर क्रॉस टनल मुहैया कराई जाएगी और इसका डिजाइन ऐसी होगी कि यहां वाहन अधिकतम ८० किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकें। एक ड्रेनेज सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और जेट पैâन कुछ अन्य सुविधाएं होंगी। यह सुनिश्चित करने के लिए भी उपाय किए जाएंगे कि संकरी सुरंग के भीतर की हवा साफ और ताजा बनी रहे। प्रोजेक्ट से दोनों स्थानों के बीच ड्राइविंग समय को १५-२० मिनट करना है। इसके लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी मिल गई है, जबकि ५७.०२ हेक्टेयर वन क्षेत्र को डायवर्ट करने के लिए पर्यावरण विभाग से मंजूरी नहीं मिली है।