शिवसेना कार्यकर्ता अयोध्या रवाना… विदा करने रेलवे स्टेशन पहुंचे मुख्यमंत्री शिंदे
शिवसेना पार्टी के कार्यकर्ता शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उन्हें विदा करने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे।मुख्यमंत्री ने शिवसेना कार्यकर्ताओं को ले जाने वाली एक विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पारंपरिक भगवा शॉल पहने शिंदे ने अपने बेटे कल्याण से लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे, शिवसेना की कल्याण इकाई के प्रभारी गोपाल लांडगे, स्थानीय नेताओं और पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ ठाणे स्टेशन पर शाम करीब 4.40 बजे जय श्री राम के नारों के बीच ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, आज का दिन हमारे कार्यकर्ताओं और राम भक्तों के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज यहां से दो ट्रेने रवाना हुई हैं, एक ठाणे से और एक नासिक से। 3000 से ज्यादा राम भक्त इस ट्रेन से रवाना हुए हैं। कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है।
मुख्यमंत्री शिंदे 9 अप्रैल को अयोध्या का दौरा करेंगे। इससे पहले दो अप्रैल को भी शिंदे ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान घोषणा की थी कि वह अपनी पार्टी के नेताओं के साथ 9 अप्रैल को अयोध्या जाएंगे और वहां सरयू नदी पर पूजा करेंगे। शिंदे ने कहा था, मैं अपनी पार्टी के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और अन्य पदाधिकारियों के साथ नौ अप्रैल को अयोध्या जाउंगा। हम सरयू नदी पर पूजा भी करेंगे।
उन्होंने कहा था, जब कार सेवा (राज जन्मभूमि आंदोलन के दौरान) चल रही थी, तब मेरे दिवंगत गुरु आनंद दिघे ने चांदी की ईंटें अयोध्या भेजी थीं। अयोध्या और भगवा राम के साथ हमारा पुराना रिश्ता है। शिवसेना ने 30 जून, 2022 को मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार शिंदे की अयोध्या यात्रा और उनके जीवन पर एक शॉर्ट वीडियो के संबंध में सोशल मीडिया पर एक टीजर जारी किया था।
वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने आज कहा कि उनकी पार्टी छत्रपति शिवाजी महाराज के उस हिंदुत्व का समर्थन करती है, जो समावेशी है और किसी के खिलाफ दुर्भावना नहीं रखती है। वह राज्य के मंत्री और भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल के उस बयान पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह हिंदुत्व के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। कांग्रेस छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदुत्व के साथ है और उसके साथ रहेगी। हिंदुत्व एक संस्कृति है और छत्रपति शिवाजी महाराज ने द्वेष रखने के बजाय सभी को साथ लेकर चलने का रुख अपनाया।