सैलरी 30 हजार रुपए… लेकिन संपत्ति करोड़ों की!

वसई : वसई-विरार नगरपालिका में भ्रष्टाचार के चलते मिताली धनगर ठेका अभियंता की संपत्ति की जांच की मांग की
वसई, नगर रचनाकार वाई. एस.रेड्डी को 2017 में ठाणे में भ्रष्टाचार विरोधक ब्यूरो द्वारा 25 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए जाने के बाद, वसई-विरार शहर महानगर पालिका के नगर नियोजन विभाग में भ्रष्टाचार सामने आया था ।

इसी शहरी नियोजन विभाग में कॉन्ट्रैक्ट (ठेका) अभियंता मिताली धनगर कम समय में करोड़ों रुपये की संपत्ति जमा करने के कारण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया हैं. इससे पहले 2021 में इस विभाग के लिपिक के ना-हरकत प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद यह विभाग सुर्खियों में था.

कॉन्ट्रैक्ट (ठेका) अभियंता मिताली धनगर पिछले सप्ताह से वसई-विरार नगर निगम की विकास योजना में झील को डुबाकर उस जगह पर ईमारत का बांधकाम करने हेतु फर्जी दस्तावेज बनाने के चलते सरकार को गुमराह करने के आरोप में सुर्खियों में हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि कम समय में उन्होंने जो बेनाम दौलत जमा की है, उससे वे चर्चा में आए हैं। समझा जाता है कि महज 30 हजार रुपये तनख्वाह वाली संविदा इंजीनियर मिताली जगताप ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की यह संपत्ति खरीदी है.

यशवंतनगर के विरार में उन्होंने जो 250 वर्ग फीट का प्लॉट खरीदा है, उसकी कीमत 60 लाख रुपए है। सूत्रों के मुताबिक, करारनामे की कीमत 12 लाख रुपये दिखाई गई थी, लेकिन बाकी रकम काले धन में दी गई. अगाशी-पुरपदा में स्थित 750 वर्ग फुट के फ्लैट की कीमत 60 लाख के आसपास है। यह फ्लैट उनकी बहन के पति के नाम से खरीदा गया है। मिताली धनगर द्वारा जमा की गई बेनामी संपत्ति के कारण वसई-विरार नगर निगम का ठेका अभियंता एक बार फिर मीडिया के रडार पर आ गया है।

2017 में नगर पालिका के नौ ठेका अभियंता एक ठेकेदार की बर्थडे पार्टी में शामिल होकर सुर्खियों में आए थे। इन सभी को उस समय के कमिश्नर सतीश लोखंडे ने घर का रास्ता दिखाया था। इनमें से ज्यादातर इंजीनियरों के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति बताई जाती है। वसई-विरार महानगर पालिका के बांधकाम और सीयूसी विभागों के इंजीनियर भी अपने वेतन की तुलना में ज्यादा संपत्ति के लिए सुर्खियों में हैं।

बांधकाम विभाग से वृक्ष प्राधिकरण विभाग में स्थानांतरित किए गए कॉन्ट्रैक्ट(ठेका)अभियंता कौतुभ तमोरे भी इन दिनों इसी तरह की बेनामी संपत्ति के कारण चर्चा में हैं. राजनीतिक दलों और शहर के लोगों ने मांग की है कि इन सभी की भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से जांच कराई जाए।

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