माहिम किला के पास बने झोपड़े को मनपा ने किया निष्काशित…झोपड़ा धारकों को मनपा उपलब्ध कराएगी घर

मुंबई : किलो का संवर्धन करने पर मनपा प्रशासन ने जोर दिया है। मनपा प्रशासन ने माहिम किला के पास बने झोपड़ी को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। झोपड़ा धारकों को पर्यायी घर दिए जाने का निर्णय मनपा प्रशासन की ओर से लिया गया है क्योंकि माहिम किल्ला के पास बने झोपड़े यह 1995 के पूर्व के होने के कारण मनपा को पर्यायी घर देना मजबूरी है।

बता दे कि महाराष्ट्र में विभिन्न किलो के आस पास हुए अवैध निर्माण को हटाने और किलो को दोबारा अपने स्वरूप में लाने को लेकर लेकर दुर्ग प्रेमी संस्था की ओर से बड़ा प्रयास किया जा रहा है। सरकार के सामने राज्य भर में फैले किलो की देखभाल के लिए भी दबाव डाला आज रहा है। माहिम के किला को 1972 में प्राचीन स्मारक और हेरिटेज विभाग द्वारा महाराष्ट्र अधिनियम 1960 के तहत राज्य सारंक्षित स्मारक के रूप में घोषित किया गया। उस दरम्यान सीमा शुल्क विभाग द्वारा सुरक्षा भी हटा ली गई।

जिसके चलते माहिम किला के पास बड़े पैमाने पर झोपड़े बन गए। माहिम किला के पास 267 झोपड़े तैयार हुए जिनमे लगभग 3000 रहिवासी रह रहे है।मनपा ने माहिम किला के पास सभी झोपड़ा धारकों का एनक्सर 2 तैयार किया। किला के पास के कुल 267 झोपड़े में 263 झोपड़ा धारक के पास 1995 के पूर्व का कागजात पाए जाने से यह सभी झोपड़ा धारक पात्र हुए है।मनपा इन सभी झोपड़ा धारकों को योग्य स्थान पर घर देकर परिसर को फिर से खुला किया जाएगा।

मनपा झोपड़ा धारकों को मलाड स्थित साई राज गुराई पाड़ा में संक्रमण शिबीर में बनाए गए 175 घर और एम एम आर डी ए द्वारा भंडारी मेटालर्जी में 77 घर और मालवाड़ी में रॉयल फिंच इमारत में 11 घर उपलब्ध कराए गए। सभी झोपड़ा धारकों को घर उपलब्ध कराकर माहिम किला के पास को खाली किया जा रहा है।

मनपा जी उत्तर के सहायक आयुक्त प्रशांत सकपाले ने कहा की लोगो को चिट्ठी निकाल कर घर दिया जा रहा है कुछ लोग घर लेने नही जा रहे है। मनपा पुलिस की सहायता से लोगो का घर खाली कराएगी और माहिम किला परिसर को पूरी तरह सौद्रीयकरण कर पर्यटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

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