आखिर किन कारणों से हुआ यूनिक डायग्नॉस्टिक सेंटर से करार … विभागीय डॉक्टर के होने की जानकारी, 7 केंद्रों के रेट लिस्ट सौंपे मनपा: मनोज बारोट
वसई : वसई-विरार शहर महानगरपालिका के अस्पताल में इलाज ले रहे मरीजों को सस्ते दर में बीमारी की जांच सेवा उपलब्ध कराने के लिए वैद्यकीय आरोग्य विभाग ने 3 निजी डायग्नॉस्टिक सेंटर्स से करार कर 21 फरवरी को एक कायार्देश निकाला है। इस करार में यूनिक डायग्नोस्टिक सेंटर को शामिल किए जाने से भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने बताया कि यह करार मरीज और करदाताओं की लूट का करार बताते हुए मनपा आयुक्त अनिल कुमार पवार को दी। इस कायार्देश को लेकर वैद्यकीय आरोग्य विभाग के उपायुक्त विजय कुमार द्वासे ने पत्रकारों को बताया की मनपा के आह्वान के बाद 7 डायग्नॉस्टिक सेंटर्स से आवेदन आए थे जिस में से निदान लेबोरेटरीज एंड हेल्थ लिमिटेड, लाईफ स्केन सेंटर और यूनिक डायग्नोस्टिक सेंटर ने दाम कम थे।
इसलिए इन तीनो के साथ करार किया गया। लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दा यानी की यूनिक डायग्नोस्टिक सेंटर के बरे में कोई स्पष्टीकरण नही दिया। मनपा उपायुक्त के इस बयान को लेकर मनोज बारोट ने मनपा आयुक्त को लिखित पत्र द्वारा विनंती की है की, वैद्यकीय आरोग्य विभाग को किस आधार पर और कौनसी प्रक्रिया के तहत 7 डायग्नॉस्टिक सेंटर्स से आवेदन प्राप्त हुए? इसका स्पष्टीकरण और इन सातों प्राप्त दरपत्रक की कॉपी देने का आदेश उपायुक्त को दिया जाए अन्यथा यह माना जायेगा की मरीजों और करदाताओं की लूट में उपायुक्त भी शामिल है।
जांच की मांग…
बारोट ने 28 फरवरी को निवेदन देकर करार रद्द करने की मांग की थी. क्योंकि यूनिक डायग्नोस्टिक सेंटर मनपा के वैद्यकीय आरोग्य विभाग में कार्यरत किसी डॉक्टर के होने की जानकारी मिलने पर बारोट ने इस लैब की जांच की मांग 28 अप्रैल 2022 को की थी. लेकिन कोई जांच या कारवाई की जगह इसे पैनल में शामिल किया गया.