लड़कियों को एक रुपए में मिलेगा सैनिटरी पैड…महाराष्ट्र सरकार फिर शुरू करेगी अस्मिता योजना

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार स्कूली छात्राओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को सिर्फ एक रुपए में सैनिटरी पैड का पैकेट उपलब्ध कराएगी। छात्राओं और गरीब महिलाओं को सस्ती दरों पर सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने वाली पिछले कुछ महीनों से बंद अस्मिता योजना सरकार फिर शुरू की जाएगी। ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

भाजपा की नमिता मुंदडा, भारती लवेकर, कांग्रेस की वर्षा गायकवाड, निर्दलीय किशोर जोरगेवार आदि सदस्यों के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि अस्मिता योजना वर्ष 2022 तक ही थी, उसकी समयावधि खत्म हो गई है, लेकिन सरकार एक सप्ताह में योजना की रूपरेखा तैयार कर इसे फिर शुरू करेगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसे राशन की दुकानों के जरिए महिलाओं तक पहुंचाने पर भी विचार किया जाएगा।

साथ ही सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को विकसित देशों में लगाया जाने वाले टीके को राज्य की लड़कियों को कम दरों पर लगाने पर भी विचार किया जाएगा। महाजन ने कहा कि हम आठ सैनिटरी नैपकिन के पैकेट की कीमत पांच रुपए से घटाकर एक रुपए करने पर विचार कर रहे हैं। हम शहरी क्षेत्रों में इस योजना के कार्यान्वयन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। हम सैनिटरी नैपकिन को आसानी से उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक महीने के भीतर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।

अस्मिता योजना पंकजा मुंडे के कार्यकाल में बनाई गई थी, जो 2014 से 2019 तक ग्रामीण विकास मंत्री थीं। महाजन ने कहा कि सरकार अस्मिता योजना में सुधार करने को लेकर सकारात्मक है। उन्होंने बताया कि 2018 से 2022 तक 19 लाख स्कूली छात्राएं और एसएचजी की 29 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हुईं। महाजन ने कहा कि इस योजना की अवधि 2022 में समाप्त हो गई। हम स्कूली छात्राओं को आठ सैनिटरी नैपकिन का पैकेट एक रुपए में और एसएचजी की महिलाओं को न्यूनतम दरों पर उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

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