निर्माताओं और कलाकारों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार लगाएगी बॉलीवुड पर लगाम! जल्द जारी होंगे ये नियम…

एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार अब फिल्म उद्योग और मनोरंजन क्षेत्र में निर्माताओं और कलाकारों की मनमानी पर अंकुश लगाने जा रही है. क्योंकि सरकार ने फिल्म उद्योग में काम करने वाले अभिनेताओं और श्रमिकों के साथ-साथ निर्माता और निर्देशकों के लिए एक नया नियम लागू करने का फैसला किया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि सरकार द्वारा नए नियम जल्द ही प्रकाशित किए जाएंगे.

बॉलीवुड सेक्टर में कई जगहों पर कर्मचारियों को समान वेतन नहीं मिलता है, इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है. राज्य सरकार के फैसले के बाद कलाकारों और कर्मियों का वेतन कानून के मुताबिक देना होगा. सरकार इसे भुगतान नहीं करने वाले निर्माताओं और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी करेगी. इसके विपरीत नए कानून में निर्माताओं और निर्देशकों के काम को अचानक रोक देने से कलाकारों और कर्मचारियों को भी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.

शिकायत करने के लिए बनाया जाएगा पोर्टल
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कलाकारों और श्रमिकों के लिए किसी भी मुद्दे की शिकायत करने के लिए एक नया पोर्टल बनाया जाएगा. इस पोर्टल पर कलाकारों और कामगारों को फिल्म उद्योग में उपलब्ध काम की जानकारी मिलेगी.

लागू होगी एसओपी
फिल्म निर्माताओं के पास श्रमिकों और कलाकारों की जिम्मेदारी होगी. फिल्म सीरियल, विज्ञापनों और वेब सीरीज पर एसओपी लागू होगा. श्रमिकों और कलाकारों का शोषण रोकने के लिए एसओपी लागू की जाएगी. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार वेतन देना अनिवार्य है. आपके सरकारी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. सरकार द्वारा महिला श्रमिकों को गृह परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने का आदेश दिया जायेगा. इस बारे में आधिकारिक जानकारी सरकार की ओर से जल्द ही दी जाएगी.

फेमस है मुंबई की मायानगरी
मायानगरी मुंबई में प्रसिद्ध फिल्म उद्योग के कारण मुंबई बहुत महत्वपूर्ण है. इस उद्योग में कई कर्मचारी और श्रमिक काम करते हैं. उन्हें वर्षों से कुछ समस्याएं हैं. इसमें समान काम समान वेतन, ऐसे मुद्दे शामिल थे जो वे नहीं उठा सकते थे. इतने सारे फिल्म अभिनेता, कर्मचारी और निर्माता मांग कर रहे थे कि शिंदे-फडणवीस सरकार को बॉलीवुड को विनियमित करना चाहिए और इसे नियंत्रण में लाना चाहिए. इसमें सांस्कृतिक विभाग ने इस पर ध्यान दिया है और पिछले कुछ महीनों से इस बारे में सभी से बात कर नियमावली तैयार की है.

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