चीन में MBBS की पढ़ाई और दिल्ली में कैंसर की नकली दवा की फैक्ट्री, ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़े ‘मौत के व्यापारी’

दिल्ली पुलिस ने कैंसर की नकली दवा बनाने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है. क्राइम ब्रांच ने हरियाणा के सोनीपत में एक फैक्ट्री और गाजियाबाद में एक गोदाम का भंडाफोड़ किया. इस दौरान पुलिस ने 8 करोड़ रुपये की नकली ड्रग्स भी बरामद की है.

नकली दवा बनाने वालों का भंडाफोड़
नकली दवा बनाने वालों का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कैंसर की नकली दवा बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर आरएस यादव के मुताबिक, इस गैंग में शामिल दो इंजीनियर, एक डॉक्टर और एक एमबीए को गिरफ्तार किया गया है. इंटरनेशनल नकली दवा बनाने और बिक्री रैकेट में शामिल कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत में एक फैक्ट्री और गाजियाबाद के एक गोदाम का भंडाफोड़ किया गया. इस दौरान पुलिस ने 8 करोड़ रुपये की नकली ड्रग्स भी बरामद की है. पिछले 2-3 साल से चल रहे रैकेट में शामिल तीन लोग फरार हैं. 
पुलिस को पता चला था कि इस गैंग का बड़ा गोदाम गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी में है. यहां कैंसर की दवाओं को पैक किया जाता था. इसके बाद पुलिस को जानकारी मिली कि डॉ. पवित्र प्रधान और शुभम मन्ना नोएडा के सेक्टर 43 में एक फ्लैट में रह रहे हैं और वहां से धंधा चला रहे हैं. इसके साथ ही ये आरोपी देशभर में दवाओं की डिलीवरी के लिए ‘वी फास्ट’ कूरियर बुक करते थे. 

क्राइम ब्रांच ने बनाई थीं कई टीमें

इस गैंग के सदस्यों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था. इस टीम ने पंकज सिंह बोहरा नाम के शख्स को पकड़ा, जिसने गाजियाबाद स्थित गोदाम के बारे में जानकारी दी. इसके बाद दूसरी टीम ने नोएडा के 43 से डॉ. पवित्र प्रधान, शुभम मन्ना और अंकित शर्मा के फ्लैट पर तलाशी ली और उन्हें गिरफ्तार किया. यहां से भी भारी मात्रा में दवाएं बरामद की गईं. 

कौन-कौन हैं इस मामले में आरोपी?

डॉ. पवित्रा नारायण प्रधान चीन विश्वविद्यालय से MBBS है, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के जीटीबी और दीपचंद बंधु अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया था. आरोपी शुभम मन्ना बेंगलुरु से बीटेक है. कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने के बाद वह इस गिरोह में शामिल हुआ. शुभम दवा पर बैच नंबर और एक्सपायरी डेट अंकित कर रहा था और पैकेजिंग वाला काम देख रहा था. पंकज सिंह बोहरा और अंकित शर्मा ITI डिप्लोमा धारक हैं. ये दोनों कूरियर कंपनी के जरिए ग्राहकों को नकली दवाएं सप्लाई कर रहे थे. आरोपी रामकुमार हरियाणा में बायोटेक नाम की एक दवा फैक्ट्री चला रहा था, जिसमें नकली दवाएं तैयार की जा रही थीं.  आरोपी एकांश वर्मा की चंडीगढ़ में मेडियॉर्क फार्मा नाम से फर्म है. आरोपी प्रभात कुमार आदित्य फार्मा का मालिक है और उसका कार्यालय दिल्ली के चांदनी चौक में है.

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