अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस को 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी राहत मिली है। पटियाला हाउस कोर्ट ने 2 लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर उन्हें जमानत दी।
दिल्ली की एक अदालत ने अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में मंगलवार को नियमित जमानत दे दी। अदालत ने अभिनेत्री फर्नांडीज को यह कहते हुए जमानत प्रदान की कि आरोपी को जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था, इसलिये जमानत देने का मामला बनता है। विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने फर्नांडीज को इस शर्त पर जमानत दी कि आरोपी अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगी। अदालत ने साथ ही अभिनेत्री को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कहे जाने पर जांच में शामिल होने का निर्देश भी दिया। अदालत ने कहा, ‘हालांकि मामले के गुणदोष पर बहुत कुछ व्यक्त किए बिना, जिसपर निश्चित रूप से मुकदमे पर सुनवायी के दौरान फैसला किया जाएगा, इस बात की जांच की जानी बाकी है कि क्या इस मामले में याचिकाकर्ता को क्या इस मामले में उन उपहारों और अपराध की आय को लेने के लिए आवेदक को जानकारी, इरादा या उसका संबंध था। इस लिहाज से अदालत को लगता है कि आरोपी/आवेदक जमानत के रूप में राहत पाने की हकदार है, खासतौर पर तब जब उसे जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था।’ अदालत ने कहा कि मामले में आरोपी के महिला होने के नाते, जिसे ईडी द्वारा वर्तमान मामले के तथ्यों और साक्ष्यों के मद्देनजर गिरफ्तार नहीं किया गया है, मेरे विचार से महिला होने के नाते वह निश्चित रूप से धारा 45 से छूट की हकदार है। पिछले साल दिसंबर में, जब फर्नांडीज को मस्कट के लिए उड़ान भरने से पहले रोका गया था, तो उन्हें ईडी के सामने पेश होने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया था, और उससे पहले वह जांच के दौरान दो मौकों पर पेश हो चुकी थीं। इसलिए अदालत का मानना है कि ईडी के जवाब में बताई गई परिस्थिति से यह नहीं माना जा सकता कि आरोपी/आवेदक ने देश से भागने की कोशिश की। अदालत ने कहा कि वैसे भी ईडी की ओर से उठाई गई ऐसी आशंका अब कोई मायने नहीं रखती, क्योंकि आरोपी का पासपोर्ट एजेंसी के पास है। न्यायाधीश ने अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को यह राहत दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर दी। अदालत ने अभिनेत्री को बिना उसकी पूर्व अनुमति के देश नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया और कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगी। न्यायाधीश ने 31 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एक पूरक आरोपपत्र का संज्ञान लिया था और फर्नांडीज को अदालत में पेश होने के लिए कहा था। मामले में पिछली सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने जैकलीन को जमानत देने का विरोध किया था। ईडी की दलील थी कि जैकलीन फर्नांडिस के पास पैसे की कोई कमी नहीं है और वह देश से फरार हो सकती हैं। इस पर अदालत ने पूछा था कि अब तक आपने जैकलीन को गिरफ्तार क्यों नहीं किया। इस पर एजेंसी ने सफाई दी कि जैकलीन के खिलाफ हवाई अड्डों पर लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है ताकि वह देश छोड़कर फरार नहीं हो सकें। अदालत ने एजेंसी के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि जब अन्य आरोपी जेल में हैं तो चुन चुन कर कार्रवाई की नीति क्यों अपनाई जा रही है। जैकलीन फर्नांडिस ने इस आधार पर जमानत की गुहार लगाई थी कि मौजूदा वक्त में उसकी हिरासत की कोई जरूरत नहीं है। अभिनेत्री की ओर से दलील दी गई थी कि चूंकि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र भी दाखिल किया जा चुका है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। मालूम हो कि अदालत ने 31 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दाखिल किए गए एक पूरक आरोपपत्र का संज्ञान लिया था। साथ ही जैकलीन फर्नांडिस को अदालत के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे। 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छानबीन के सिलसिले में कई बार प्रवर्तन निदेशालय की ओर से तलब की जा चुकीं फर्नांडिस को पूरक आरोपपत्र में पहली बार आरोपी बनाया गया है।