एनसीपी बोली, ‘ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार कर रही है मोदी सरकार’, श्रम कानूनों पर भी चौतरफा विरोध
मुंबई, एनसीपी के प्रदेश प्रवक्ता महेश तापसे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार श्रम अधिनियम और किसान अधिनियम के जरिए किसानों और मजदूरों के मिले कानूनी कवच को हटाकर पूंजीपतियों का संरक्षण कर ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार कर रही है। जूम ऐप पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तापसे ने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र में बीजेपी सरकार ने साबित कर दिया है कि यह पूंजीपतियों की सरकार है, आम आदमी की नहीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एनसीपी का साथ और समर्थन किसानों और मजदूरों के साथ है। किसान और श्रमिक जहां-जहां आंदोलन करेंगे हम उनके साथ रहेंगे।
आरएसएस का मजदूर संगठन भी नाराज
बीजेपी की पैतृक संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत मजदूर संगठन ‘भारतीय मजदूर संघ’ (आरएमएस) ने भी खुले तौर पर मोदी सरकार के नए श्रम कानून का विरोध किया है। आरएमएस का कहना है कि इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड कंपनी मालिकों और कारखानेदारों के पक्ष में ज्यादा नजर आ रहा है। इससे औद्योगिक शांति में बिगड़ने का खतरा है। इस मामले में आरएमएस 2 से 4 अक्टूबर के बीच तीन दिवसीय एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित भी करने जा रहा है। इसमें 3000 सदस्य शामिल होंगे। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इसलिए हो रहा नए कानून का विरोध
बुधवार को संसद में श्रम कानूनों से संबंधित तीन विधेयक पास हुए हैं , इनमें ऑपरेशन सेफ्टी हेल्थ ऐंड वर्किंक कंडीशंस कोड, सोशल सिक्युरिटी कोड और इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड विधेयकों को मंजूरी मिल है। इन नए कानूनों के पास हो जाने से अब कंपनियों के लिए कर्मचारियों की हायरिंग और फायरिंग करना आसान होगा। इसके अलावा अब कर्मचारी यूनियनों की ओर से श्रमिकों के हित में हड़ताल का आयोजन कर पाना मुश्किल होगा। यही नहीं नए कानून में पक्की नौकरी के बजाए कॉन्ट्रैक्ट जॉब्स को बढ़ावा दिया गया है।
पूंजीपतियों का बंधुआ मजदूर बनाने की साजिश: कांग्रेस
सरकार की अनुमति के बिना 300 से कम कर्मचारियों वाले उद्योगों को बंद करने का कानूनी अधिकार देना मजदूरों के अधिकारों का सौदा कर उन्हें पूंजीपतियों का बंधुआ मजदूर बनाने जैसा है। यह बात कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कही। दलवाई ने कहा कि जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई है, वह लगातार पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। बीजेपी सरकार पूंजीपतियों के हितों की रक्षा के लिए श्रमिकों के खिलाफ कानून लागू कर रही है।