दुनिया चीन का टोही जहाज़ हिंद महासागर में, भारत को टालना पड़ सकता है मिसाइल टेस्ट – प्रेस रिव्यू Kalpesh Vishwakarma November 5, 2022 अंग्रेज़ी अख़बार के मुताबिक़ एक चीनी रिसर्च और स्पेस-ट्रैकिंग समुद्री जहाज़ हिंद महासागर में चक्कर लगा रहा है. ये ऐसे समय हो रहा है जब भारत बंगाल की खाड़ी में मिसाइल परीक्षण की तैयारी कर रहा है.इससे पहले अगस्त में हंबनटोटा में इसी तरह के एक चीनी जासूसी (टोही) जहाज़ युआन वांग 5 के डॉकिंग के कारण भारत और श्रीलंका के बीच एक बड़ा राजनयिक विवाद पैदा हुआ था. चीन की नौसेना की तरफ़ से इस क्षेत्र में भेजे जाने वाले जासूसी जहाज एक ही श्रेणी के होते हैं.इन्हें मिसाइल परीक्षणों और सैटेलाइट की गतिविधियों की निगरानी के लिए डिज़ाइन किया गया है.22,000 टन से अधिक वज़न वाला युआन वांग -6 पोत बड़े एंटीने, हाईटेक सर्विलांस उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक स्नूपिंग करने वाले सेंसर से लैस है. उपग्रह के प्रक्षेपण की निगरानी और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की पहुंच की ट्रैकिंग करने वाले ये जहाज़ शुक्रवार की सुबह इंडोनेशिया के बाली तट पर नज़र आया है.रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार से कहा है कि जब से चीनी सेना का ये जहाज़ इंडोनेशिया के रास्ते हिंद महासागर में आया है, भारत इस पर ‘क़रीब से नज़र’ बनाए हुए हैं.इमेज कैप्शन,चीन का जासूसी पोत युआन वांग 5भारत ने इससे पहले नोटैम (नोटिस टू एयरमेन) जारी किया था जिसे बंगाल की खाड़ी में 10-11 नवंबर को बड़ी दूरी की बैलैस्टिक मिसाइल के परीक्षण के लिए नो-फ्लाई ज़ोन को बढ़ाने की बात कही थी.सूत्र ने अख़बार से कहा “जब भी भारत कोई टेस्ट करने वाला होता है उसी समय चीन लगातर ऐसे जासूसी पोत हिंद महासागर में भेजता है जो टेक्निकल इंटेलीजेंस जुटाने का काम करते हैं.”शायद मौजूदा हालात के कारण भारत अगले हफ्ते होने वाले अग्नि सीरीज़ की मिसाइल के टेस्ट को स्थगित कर सकता है क्योंकि चीनी जहाज़ मिसाइल की गति, सटीकता और रेंज का पता लगा सकते हैं.इस साल अगस्त में भारत ने श्रीलंका से चीनी पोत युआन वांग-5 की हंबनटोटा बंदरगाह पर डॉकिंग को लेकर गंभीर चिंता जताई थी. भारत की चिंता सिर्फ चीन के जासूसी जहाजों को लेकर नहीं है बल्कि श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट को लेकर भी है जिसे कर्ज न चुका पाने के कारण श्रीलंका ने 99 साल के लिए चीन को लीज़ पर दे दिया है.ट्विटर ने बड़े पैमाने पर भारतीयों को नौकरी से निकालाअंग्रेज़ी अख़बार बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी पहले पन्ने पर छपी में लिखा है कि शुक्रवार को पूरे दिन सोशल मीडिया पर ट्विटर छाया रहा. सैन फ्रांसिसको से लेकर नई दिल्ली तक ट्विटर की चर्चा होती रही.एलन मस्क के ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीदने के महज़ कुछ दिनों बाद ही गुरुवार को कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों को एक मेमो जारी किया जिसमें बताया गया कि उन्हें कैसे पत चलेगा कि उन्हें नौकरी से निकाला गया है.शुक्रवार की शाम तक खबर सामने आई की बड़े पैमाने पर भारत में ट्विटर के कर्मचारियों को नौकरी निकाला गया है.ट्विटर पर ही कंपनी के कई कर्माचरियों ने ट्वीट कर कहा कि उनके लॉगइन ब्लॉक कर दिया गया है और रिमोटली उनके सिस्टम से सारे डेटा हटा दिए गए.हालांकि अब तक कंपनी की ओर से कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.भारत में पॉलिसी, कम्यूनिकेशन, इंडीनियरिंग, डेवलपमेंट सहित लगभग सभी विभागों से लोगों को नौकरी से निकाला गया है. भारत में ट्विटर के लगभग 200 कर्मचारी हैं.इससे पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि एलन मस्क 3700 लोगों के नौकरी से निकाल सकते हैं.ट्विटर इंडिया के एक एक्ज़ीक्यूटिव ने नाम ना छापने की शर्त पर अख़बार से कहा कि ” जो लोग अपने सिस्टम में लॉग इन नहीं कर सकते हैं उन्हें नौकरी से निकाला गया है. मैं अपने सिस्टम में लॉग इन नहीं कर पा रहा हूं. भारत में बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है.”इमेज कैप्शन,परालीराज्यों ने पराली ना जलाने के लिए दिए गए फंड का पूरा इस्तेमाल नहीं कियाअंग्रेज़ी अख़बार के मुताबिक़ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र ने पराली जलाने से रोकने के लिए योजनाओं के तहत पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को 3,000 करोड़ रुपये का फंड जारी किया, लेकिन आवंटित राशि का एक तिहाई हिस्सा, यानी एक हज़ार करोड़ इस्तेमाल किया जाना बाकी है.पंजाब में इस समय धान की फ़सल के बाद बड़ी मात्रा में पराली जलाई जाती है जिससे राजधानी सहित आस-पास के इलाकों की आबो-हवा बेहद प्रदूषित हो जाती है.कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब को 1450 करोड़ आवंटित किए गए, जबकि हरियाणा को 900 करोड़, यूपी को 713 करोड़ और दिल्ली को 6 करोड़ रुपये दिए गए. इसमें से लगभग 1000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अब तक नहीं हुआ है.उन्होंने कहा पंजाब के पास 492 करोड़ अभी भी बचा हुआ है.